खबरें अभी तक। सुप्रीम कोर्ट के कड़े आदेश के बाद भी धड़ल्ले से हुई पटाखों की बिक्री और हाल ऐसे हो गए की दीपावली की शाम से लेकर अगले 12 घंटों तक खुलकर सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। दिल्ली में पटाखों की बिक्री और निर्धारित समय सारणी पर सख्ती भी बेअसर दिखी। दीवाली के मौके पर दिल्लीवासियों ने जमकर पटाखे फोड़े। जिसकी वजह से प्रदूषण और अधिक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सुबह से ही धुंध की चादर (स्मॉग) बिछी हुई है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन हो रही है। स्मॉग की वजह से विजिबिलिटी बेहद कम है। मॉर्निंग वॉक करने के लिए भी बहुत कम लोग बाहर निकले हैं।
दिल्ली के लोधी रोड पर लगे एयर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन पर आज सुबह पीएम-2.5 और पीएम-10 का स्तर 500- 500 माइक्रो क्यूबिक था। यह बेहद खतरनाक स्थिति है। बता दें कि पीएम 2.5 बारिक कण होते हैं, पीएम 2.5 बढ़ने से ही धुंध बढ़ती है।
दिल्ली में कई जगह रात के तीन बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 999 के आखिरी स्तर पर पहुंच गया था। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कितना खतरनाक है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भारत में प्रदूषण का स्तर मापने वाले मीटर 999 के बाद काम नहीं करते।