कांटेक्ट लैंस से फैशन या आंखों में कमजोरी?

खबरें अभी तक ।  फैशन की होड़ में आजकल कांटेक्ट लेंस पहनने का खूब ट्रेंड चल रहा है। कोई फैशन स्टेटमेंट तो कोई आंखों की कमजोर रोशनी के लिए लैंस लगाता है। चश्में के मुकाबले  इन्हें कैरी करना भले ही आसान होता है लेकिन कांटेक्ट लेंस पहनना हानिकारक भी हो सकता है। लंदन में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि लेंस पहनते और उतारते समय बैक्टीरिया इंफैक्शन का खतरा बढ़ जाता है। जिस वजह से केराइटिसिस नामक बीमारी होने का डर रहता है।कांटेक्ट लैंस किसी निश्चित अवधि तक ही काम करते हैं। इनकी एक्सपायरी डेट के बाद ये काम करना बंद कर देते हैं। इनमें एक विशेष तरह का गोंद होता है, जिससे इनको आंखों पर सुविधाजनक लगाया जाता है। ये लैंस खतरे से खाली नहीं हैं। इससे कई तरह की परेशानियां और बीमारियां भी होती हैं।

लैंस से होने वाली केराइटिसिस बीमारी में आंखों में खुजली और दर्द होने लगती है। कॉर्निया में दर्द की वजह से सूजन हो सकती है, जिससे आंखों की रोशनी को बहुत नुकसान पहुंचता है। परेशानी बढ़ने के कारण रोशनी जा भी सकती है।  एक शोध में पता चला है कि इस तरह का इंफैक्शन रोजाना 10,000 में से 4 लोगों को होता है। मामले बढ़ने से परिणाम चिंताजनक भी हो सकते हैं।

कैसे बरतें लैंस लगाते वक्त सावधानियां ….

1.साफ हाथों से लैंस पहनें और उतारे ।
2. कांटेक्ट लेंस स्टोरेज केस को सलूशन से साफ करके सूखा कर रखें।
3. महीने बाद स्टोरेज केस को बदल दें।
4. ज्यादा लंबे समय तक कंटेक्ट लेंस न पहनें, निश्चित अवधि के बाद इसे बदल लें।
5. सिलिकॉन कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करना बेहतर है। इससे ऑक्सीजन का प्रवाह सामान्य रहता है, जिससे इंफैक्शन से बचाव रहेगा।
6. आंखों को लेकर जरा-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। लालगी,जलन, आंखों की सूजन और दर्द महसूस करें तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।