तेज बरसात से ग्रामीण जनता बेहाल, टूटी सड़कें बनी जान का खतरा

खबरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में जहां पर तेज बरसात से ग्रामीण जनता बेहाल है। वहीं सड़के टूटी हुई और कीचड़ से लबालब भरी हुई हैं।  कैसे जाएं नौनिहाल छोटे छोटे बच्चे स्कूल रास्ते में पानी के नाले का खतरा बना हुआ है। कब पानी का बहाव तेज हो जाए पता ही नहीं चलता है। मरीजों का अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो गया है।  हम बात कर रहे हैं जिला बिलासपुर के स्वारघाट उपमडल के ग्रामीण क्षेत्र  भटेड़ चिल्ट और कन्फारा की, जहां पर संपर्क सड़कों के ग्रामीण सड़कों की हालत भी काफी खस्ता हो चुकी है छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर  बरसात के कारण कीचड़ ही कीचड़ हो गया है। वहीं पर बरसात के कारण नालों में भी पानी तेज होने के कारण कई बार बच्चे स्कूल जाने से महरूम रह जाते हैं। हालांकि इन संपर्क सड़कों पर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था नहीं है।

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छोटे-छोटे बच्चों का कहना है कि स्कूल जाते समय जहां पर कीचड़ के कारण उनकी वर्दियां खराब होती है। वहीं पर कई बार फिसलने से चोट भी लग जाती है। हालांकि अभी भी बरसात का मौसम है और मौसम विभाग के अनुसार अभी भी आने वाले 2 दिनों तक बरसात होने वाली है लेकिन गांव के लोग परेशान हैं। बिमला देवी प्रधान खरकड़ी, प्रधान ग्राम सुधार समिति नन्द किशोर, प्रधान युवा मंडल भटेड़ नरेश कुमार, कृष्ण स्वरूप और नन्द लाल प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें इस परेशानी से छुटकारा दिलाया जाए और ग्रामीण सड़कों को भी पक्का करने की कवायद शुरू की जाए। जबकि इन लोगों का कहना है कि आजादी के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी लोगों को आज की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

यहां जो सड़के हैं वह 10-12 किलोमीटर कच्ची है। बरसात के दिनों में अधिक वर्षा के कारण टूट गई है और स्लाइड के कारण दलदल आने के कारण उस पर चलना भी खतरे से खाली नहीं है। इन गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसका पहुंचाना जोखिम भरा होता है। उसको चारपाई के सहारे कीचड़ से भरे रास्ते में चार आदमी उठाकर अस्पताल तक पहुंचा पाते हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में समय पर उपचार न मिलने से दो तीन लोगो की मौत भी हो चुकी है। कल से एक व्यक्ति बरसात में अपने घर जा रहा था उसका पैर फिसल कर गिर गया उसको काफी चोट लगी हुई है। पिछले कल मुसलाधार बारिश होने से उसे अस्पताल पहुंचने में भी घरवालों को परेशानियों का सामना करना पड़ा हैं।

पिछले कई वर्षों से  ग्रामीण लोग इन क्षेत्रों में आयुर्वेदिक अस्पताल खोलने के लिए और सड़क पक्का   करने के लिए आवेदन किया है। लेकिन सरकार के स्थानीय नेताओं ने आज तक कोई ध्यान नहीं दिया है। जिस कारण इन गांव की गरीब जनता परेशान है।