रूपये में आई गिरावट से निपटने के लिए कांग्रेस की नीति अपनाएगी मोदी सरकार

खबरें अभी तक। रूपये में लगातार आ रही गिरावट अब बड़ा मुद्दा बन बई है। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला काफी समय से जारी है। इस गिरावट के बाद केन्द्र सरकार और केन्द्रीय रिजर्व बैंक अब रुपये के गिरते स्तर को लेकर अपनी परेशानी जाहिर करने लगी है। जहां बीते कुछ महीनों के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये को संभालने के लिए आरबीआई द्वारा डॉलर बेचने और सोना खरीदने की कवायद ज्यादा कारगर नहीं साबित हो रही है। वहीं अब सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय रिजर्व बैंक अब अप्रवासी भारतीयों की मदद लेने की तैयारी कर रही है।

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गौरतलब है कि बीते दिनों केन्द्रीय बैंकों द्वारा रुपये को संभालने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में डॉलर बेचने की कवायद के चलते देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हुआ है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक जहां अप्रैल मध्य तक भारत का 427 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था। वहीं अब यह 400 बिलियन डॉलर के पास आ चुका है।

इसके अलावा हाल ही में केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि उसने अपने सोने के भंडार में 8.46 मेट्रिक टन का इजाफा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने यह खरीदारी वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान की थी। इस खरीदारी से मौजूदा समय में रिजर्व बैंक के खजाने में 566.23 मेट्रिक टन सोने का भंडार है और रिजर्व बैंक के मुताबिक यह खरीदारी उसने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए किया है। मुद्रा बाजार के जानकारों का मानना है कि केन्द्रीय बैंक की यह कवायद भी रुपये के गिरते स्तर को सहारा देने के लिए थी। लेकिन इस कदम का भी कोई खास असर रुपये की चाल पर देखने को नहीं मिला।

लिहाजा अब केन्द्र सरकार और केन्द्रीय रिजर्व बैंक रुपये की गिरावट को लगाम लगाने के लिए विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों का सहारा लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस कदम से सरकार को उम्मीद है कि वह अपने चालू खाता घाटे को कम कर सकेगी। गौरतलब है कि केन्द्रीय बैंक ने इससे पहले 2013 के दौरान अप्रवासी भारतियों की मदद ली थी और रुपये में डॉलर के मुकाबले दर्ज हो रही लगातार गिरावट को संभालने में सफलता पाई थी। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार औऱ केन्द्रीय बैंक ने अप्रवासी भारतीयों से लगभग 34 बिलियन डॉलर के मूल्य का करेंसी स्वैप किया था और रुपये की गिरावट को रोकने में सफलता पाई थी। इस स्कीम के जरिए आरबीआईIndian citizens sitting abroadसे सस्ते दर पर डॉलर खरीदती है।