ऋषिकेश: कांवड़ियों की सेवा में जुटा परमार्थ निकेतन

ख़बरें अभी तक। शिवालय भोलेनाथ के जयकारों से गूंज रहे हैं. पूजा अर्चना करने कावड़ दूर-दूर से तीर्थ नगरी ऋषिकेश पहुंच रहे हैं. हालांकि प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. लेकिन फिर भी कावड़ियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए परमार्थ निकेतन जी जान से जुटा हुआ है. सावन भगवान शिव की अराधना का महीना माना जाता है. ऐसा महीना जिसमें शिव भक्त ना सिर्फ भोले नाथ की अऱाधना करते है बल्कि  उनसे मनोकामन भी मानते है. सावन के सोमवारों में चार चांद लाने का काम कावड़ यात्रा करती है. कावड़ियें दूर दूसरे बाबा का जलाभिषेक करने पहुंचे ते. कावड़ हरिद्वार और ऋषिकेश भोले नाथ की पूजा अर्चना करने आते हैं.

ऋषिकेश में भी कावड़ पहुंच रहे हैं. तीर्थ नगरी ऋषिकेश में भी बोल बम के उद्धघोष सुनाई दे रहे हैं छोटे बड़े महिला, पुरूष और बच्चों की जुबान पर बोल बम ही है.गंगा घाट से गंगा जल लेकर लोग नीलकंठ धाम में बाबा भोले पर जलाभिषेक कर बाबा से मनोकामनाएं पूरी करने करने की पार्थना करते हैं. साथ ही पूजा अर्चना कर महिलाएं बाबा से योग्य वर की कामना करती हैं. वहीं दूसरी तरफ परमार्थ निकेतन की ओर से नीलकंठ पैदल मार्ग और सड़क से आने जाने वाले मार्गों पर कूड़े दान, पीने के पानी और मेडिकल की सुख सुविधा उपलब्ध कराई गई है, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाजराज जी ने भी अपने संदेश में गंगा और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में सहयोग करने की बात कही है.