सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ने किया महिला का गर्भपात

खबरें अभी तक। गर्भपात करना और करवाना एक संगीन अपराध है। यहां तक कि इस को बताने के लिए और समाज में कम पढ़े वर्गों में जागरूकता फैलाने के लिए सरकार टीवी चैनल और न्यूज़ पेपर में करोड़ो रुपया विज्ञापन के तौर पर खर्च कर रही है। लेकिन कानपुर देहात जिले में एक सरकारी डॉक्टर द्वारा एक गरीब दलित महिला का गर्भपात किया गया है। वो भी सरकारी अस्पताल में , इलाज गलत होने व सही से देखरेख न हो पाने के कारण आज दलित महिला जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ यह अक्सर होता रहता है लोग अनदेखा भी करते है बड़े बड़े प्राइवेट अस्पतालों में तो हर दिन गर्भपात होता है। जिसे भ्रूण हत्या भी कहते है जो एक अपराध भी है। इसकी सजा भी कठोर है लेकिन आज भी हमारे देश मे कई जगह गांव ऐसे भी है जहां लोग पढ़े लिखे नहीं हैं। उन्हें कुछ नहीं पता होता लेकिन सरकार उनको जागरूक करने लिए विज्ञापन से लेकर हर प्रयास करती हैं। लेकिन समाज के ही पढ़े लिखे लोग चंद रुपयों के लालच में वह काम करते लेकिन कार्रवाई कुछ नही होती हैँ।

जी हां रसूलाबाद तहसील का यह गांव  चौबेपुर है इस गांव में ज्यादातर लोगों के घर दलितों के ही है पढ़े लिखे भी नही हैं।

इसी गांव के रहने वाले  राजन की पत्नी दो माह से गर्भपात थी। राजन के पहले से ही तीन बच्चे थे गरीबी के कारण वह चौथा बच्चा पैदा नहीं करना चाहता था। कम पढ़े लिखे होने के कारण वह गांव और सरकारी अस्पताल में काम करने वाली आशा बहू से मिली फिर आशा बहू उमा ने डॉक्टर स्वप्निल से मिली और बात बताई तो डॉक्टर भी गर्भपात के लिए राजी हो गई और ऑपरेशन भी कर दिया।

पीड़ित का कहना है पहले दिन उन्होंने ऑपरेशन किया लेकिन दो दिन बाद दोबारा पेट मे दर्द हुआ तो जब दोबारा गए तब डॉक्टर स्वप्निल घण्टो आपरेशन करती रही और बाद में  छुट्टी कर लेकिन जब घर पर आए तो हालत बिगड़ गई और जब डॉक्टर स्वप्निल से बात की तो फिर भर्ती भी नहीं किया औऱ हैलट के लिए भेज दिया। लेकिन हैलट में सही इलाज न हो पाना देख रेख नहीं हो पाने के डर से राजन अपनी पत्नी को कानपुर के ही किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया।

लेकिन वहां भी ऑपरेशन के लिए रुपए मांगे गए तो डॉक्टर साहब से गुजारिश की लेकिन वह मददत की वजह से फोन नही उठती बल्कि उल्टा आरोप पीड़ित पर लगा रही है कि वह धमकी दे कर रुपया बसूल रहा है। हम से दलित राजन को जब कहीं से मददत नहीं मिली तो उसने अपने खेत बेच दिए और ऑपरेशन कराया लेकिन वह ज्यादा दिन अस्पताल में नहीं रख सका। अपनी बीमार पत्नी को आज हालत यह है कि जिंदगी और मौत के बीच की जंग लड़ रही है राजन की पत्नी कोई भी मददत के लिए आगे नहीं आ रहा है।

वहीं जब हमने इस पूरे मामले की जानकारी डॉक्टर स्वप्निल से ली तो उनका तो जवाब ही अलग था। उन का कहना है कि वह एक दिन पहले आई थी तब उसे बुखार था मैंने तब मेडिसिन दी थी और जब दोबारा आई थी तब उस को ब्लाडिंग हो रही थी तभ मेने ऑपरेशन किया था और वह ऑपरेशन के बाद सही भी हो गई थी। लेकिन इस बीच क्या हुआ हमे नहीं पता हमने हैलट भेजा भी था वहीं एक  ऑडियो में cms आशीष बाजपेयी ने बात की जिसमें खुद गर्भपात की बात औऱ दूसरे अस्पताल में रिफर की बात है

वहीं जह सोशल मीडिया पर महिला की खबर की पोस्ट शेयर किया गया और इसके बाद अधिकारियों तक पहुंचा।  तो आनन फानन मे तहसील रसूलाबाद में तहसीलदार के पद पर तैनात राजीव उपाध्याय ने मामले को संज्ञान में लिया और क्षेत्राधिकारी रामकृष्ण मिश्रा के साथ महिला के घर जा पहुंचे। जहां महिला की हालत चिंताजनक थी मरणासन्न में पड़ी महिला को तहसीलदार ने एंबुलेंस बुलवाकर सीएससी पहुंचाया और डॉक्टर से इलाज कराने की बात कही है।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि जहां सरकार इसे अपराध मानती है। फिर डॉक्टर स्वप्निल ने आखिर उस बात को समझाने की वजह ऑपरेशन क्यों किया आज पीड़ित राजन की पत्नी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है और मदद मांग रही है।