डॉक्टरों ने अनोखी और जटिल सर्जरी को दिया अंजाम

खबरें अभी तक। आपने स्टेंट डालकर हार्ट की ब्लाकेज खोलने के बारे में तो सुना होगा। परन्तु उसी स्टेंट से टांग की नाड़ियों की ब्लाकेज खोले जाने के बारे शायद न सुना हो। जी हां, कैंट सिविल अस्पताल की कैथ लैब में अनोखी औऱ जटिल सर्जरी को अंजाम दिया गया है। यहां डाइबटीज और ह्रदय रोग से पीड़ित एक मरीज की टांग में फैला अल्सर स्टेंट के जरिए ठीक कर दिया गया। वो भी टांग में स्टेंट डालकर। इस जटिल सर्जरी को अस्पताल के डॉक्टरों ने बड़ी ही कुशलता से अंजाम दिया है। सर्जरी के बाद मरीज की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।

अम्बाला कैंट सिविल अस्पताल की कैथ लैब जहां हृदय रोगियों के लिए वरदान साबित हो रही है, वहीं इस लैब के माध्यम से शरीर के अन्य अंगो में भी सफलतापूर्वक स्टेंट डाले जा रहे हैं। शहर में यह सुविधा न होने के कारण इस कार्य के लिए मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़ अथवा दिल्ली जाना पड़ता था। अस्पताल के स्पेशलिस्ट डॉक्टर बताते हैं कि अम्बाला के गांव बोह के रहने वाले राजेश शर्मा ब्लड प्रैशर व शूगर रोग से पीड़ित हैं और उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व ही पीजीआई चंडीगढ़ से हर्ट में स्टैंट डलवाया था। वह सिविल अस्पताल में अपनी निष्क्रिय टांग का उपचार करवाने और सांस फूलने की समस्या के इलाज के लिए आए थे। इसके अलावा उनके दांए पैर में ऐसा जख्म था। जो न तो ठीक हो रहा था और न ही उससे बहने वाली मवाद बंद हो रही थी। सिटी स्कैन करने पर पता चला कि राजेश की दाईं टांग की नाडिय़ों में रूकावट है और उन्हें स्टैंट डालने की सलाह दी गई।

मरीज की टांग में सफलतापूर्वक तीन स्थानों पर स्टैंट डाले। इस इलाज के उपरांत नाडियों में खून का प्रवाह सामान्य हो गया है। चिकित्सकों के मुताबिक निष्क्रिय नाडियों के कारण ठीक न होने वाले जख्म भी जल्द ही ठीक हो जाएंगे। रोगी के इस इलाज पर मात्र एक लाख रुपए खर्च हुआ है और निजी क्षेत्र के अस्पतालों द्वारा इस तरह के इलाज के लिए 4 से 5 लाख रुपए की राशि वसूल की जाती है।

दुबई एयरपोर्ट पर बतौर कैटरिंग इंचार्ज रहे राजेश शर्मा को कैथ लैब से नया जीवनदान मिला है। अस्पताल से नया जीवनदान पाने वाले राजेश शर्मा आपबीती सुनाते हुए भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि उसकी टांग में शिथिलता की समस्या नहीं है और कोई भी चीज छूने पर उसे महसूस किया जा सकता है। इस अस्पताल के डॉक्टरों ने कमाल ही कर दिया है।