हिमाचल प्रदेश में इस साल सेब का उत्पादन कम होने का अनुमान !

ख़बर अभी तक। हिमाचल प्रदेश में इस सीजन में आधे से भी कम सेब की फसल का अनुमान लगाया गया है. ख़राब मौसम और सेब के बगीचों के अंधाधुंध कटान के बाद सेब की पैदावार में भारी कमी आने का अनुमान लगा है. शिमला जिला प्रशासन ने किया सेब सीजन से पहले तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए बैठक का आयोजन. सड़कों से लेकर ट्रकों, किराया और सुरक्षा आदि पर जिलाधीश ने दिए ज़रूरी दिशा निर्देश.

शिमला के बचत भवन में सेब सीजन को लेकर बैठक आयोजित की. सेब सीजन जुलाई माह से शुरू हो रहा है. सेब सीजन को लेकर डीसी शिमला संबंधित विभागों एवं ट्रक ऑपरेटर व बागवानों के साथ बैठक की. इस बार शिमला जिला में 1लाख 96 हज़ार मीट्रिक टन (एक करोड़ पेटी) इस बार स्थानीय ट्रक ऑपरेटर ही सेब की कम फसल के लिए काफ़ी होगी. जो कि पिछली बार से बहुत कम है. हर साल मंडियों तक सेब पहुंचाने के लिए लगभग 53 हज़ार ट्रक की जरूरत पड़ती है, हर दिन 600 गाड़ियों की जरूरत सेब सीजन में पड़ती है.

बागवानों ने मांग उठाई की बागवानों को सबसे बड़ी समस्या खराब सड़को की आती है इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों को दरुस्त किया जाए. इसके अलावा ट्रक बागवानों से प्रति नग भाड़ा वसूल करते है जबकि ये वजन के हिसाब से लिया जाना चाहिए. ट्रक यूनियन पर भी नकेल कसी जाए क्योंकि सेब सीजन के दौरान इनकी मनमानी देखने को मिलते है. साथ ही जब सेब से लदे ट्रक हादसे का शिकार होते है तो उसका बागवानों को कुछ नहीं मिलता है.

डीसी शिमला अमित कश्यप ने बागवानों की बात सुनने के बाद कहा कि बागवानों को ट्रक उपलब्धता, टैक्स माफ़ी, ट्रैफिक जाम, सेब विपणन एवम सेब बॉक्स जैसी सभी समस्याओं से निपटा जाएगा. उन्होंने कहा की  बागवानों  के साथ धोखाधड़ी करने वालो  को बख्सा नहीं  जाएगा. डीसी शिमला ने एपीएमसी को भी  सुचारू व्यवस्था  उपलब्ध न करवा पाने के लिए लताड़ भी लगाई  गई .