हरियाणा का एक ऐसा स्कूल जहां 10वीं के सभी छात्र हुए फेल

ख़बरें अभी तक। हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं  कक्षा के परिक्षा परिणामों में जंहा एक तरफ आधा हरियाणा फेल हो गया वहीं पलवल के गांव दीघोट में बना एक सरकारी स्कूल पूरा ही फेल हो गया. इस स्कूल में 10वीं कक्षा में 51 बच्चों ने पेपर दिए लेकिन कोई भी बच्चा पास ना सका. जिससे शिक्षा विभाग इसके लिए समीक्षा करने की बात कह रहा है.

हरियाणा सरकार भले ही सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज  पर विकसित करने की बात कर रही हो लेकिन धरातल पर सरकारी स्कूलों के हालात बद से बदत्तर होते जा रहे है. शिक्षा के स्तर पर बात करे तो सरकारी स्कूल  बुरी तरह से पढ़ाई में लगातार नीचे गिर रहे है. लगातार शिक्षा का गिरता स्तर जहां बच्चों के भविष्य के लिए परेशानियां खड़ी कर रहा है वहीं स्कूलों के कार्य प्रणाली और स्कूल स्टाफ पर भी सवालिया निशान लगा रहा है. सवाल ये भी है कि क्यों भारी भरकम वेतन पाने वाले अध्यापक शिक्षा के स्तर को गिरने से संभाल नही पा रहे है. ताजा उदाहरण  पलवल  के गांव दीघोट में बने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्कूल का है. इस स्कूल में 217 छात्र- छात्राएं पढ़ते है. जिनमें 18 लड़किया शामिल है. इस स्कूल के परिक्षा परिणामों की तरफ गौर कर तो परिणाम चौकाने वाले है. कक्षा 12 के परिक्षा परिणामों में 23 बच्चों में से केवल 2 बच्चे ही पास हो पाए है. इसके बाद जब 10वीं कक्षा की तरफ गौर करे तो आकंडे इससे भी ज्यादा चौकाने वाले है. कक्षा 10 में 51 बच्चों ने पेपर दिए और जब परिक्षा परिणाम आया तो एक भी बच्चा पास नहीं हो सका.

वहीं 51 बच्चों में से 5 बच्चों का नकल करते हुए पकड़े जाने पर केस बन गया और बचे हुए 46 बच्चों में से एक बच्चे की कंपाडमेंट आ गई बाकि फेल हो गए. इस तरह से 51 बच्चों में से एक भी बच्चा पास नही हो पाया. 51 बच्चों की कक्षा में किसी भी बच्चे के पास ना होने पर स्कूल के अध्यापकों का कहना है कि पहले सेंटर स्कूल में आता था लेकिन इस बार सेंटर स्कूल में नहीं आया जिस कारण बच्चे अच्छी तरह से पेपर नहीं दे पाये. इसके ‌अलावा बच्चों के माता पिता कभी पढ़ाई की तरफ ध्यान नहीं देते और सरकार ने 5वीं व 8वीं बोर्ड की परीक्षा खत्म कर दी है. जिससे बच्चों के मन से फेल होने का डर ही खत्म हो गया है. सीधे तौर पर कहा जाये तो स्कूल की तरफ से बच्चों के फेल होने की जिम्मेदारी को लेने के लिए स्कूल का स्टाफ कतई तैयार नहीं है.

वहीं 10वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों ने इसका जिम्मेदार अध्यापकों को ठहराया है. छात्रों ने अध्यापकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यापकों ने कभी उनको अच्छे तरीके से नहीम पढ़ाया. जिस कारण आज सारे बच्चे फेल हो गए है. छात्रों ने बताया कि उनको सबजेक्ट के बारे में समझाया नहीं जाता था.

वहीं इस क्षेत्र में इनेलो से पूर्व में विधायक रहे जगदीश नायर का कहना है इस रिज्लट के लिए जिम्मेदार बीजेपी सरकार है सरकार का अफसरशाही पर कोई कंट्रोल नहीं है जिस कारण सरकारी तंत्र और सरकारी कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे है. अध्यापक स्कूलों में पढ़ाई नहीं कराते जिस कारण ये बच्चे फेल हुए है.