यमुनानगर में फिर से नज़र आया माईनिंग माफिया का कहर

ख़बरें अभी तक। यमुनानगर के एक गांव में रात को पहरा दे रहें ग्रामीणों पर भारी संख्यां में आए हथियारबंद बदमाशों ने जानलेवा हमला कर दिया, दरअसल हमलावर अवैध रेत माफियां से जुड़े हुए लोग थे और जिनपर हमला हुआ वह लोग अपने गांव से गुज़रने वाले माईनिंग के ओवरलोड ट्रकों से परेशान होकर उन्हें रोकने के लिए पहरा दे रहें थे. कानून व्यवस्था पर भारी पड़ रही गुंडागर्दी की तस्वीरें मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई. ग्रामीणों का आरोप हैं कि माईनिंग माफिया के लोगों का सरकार में उंचा रसूक होने की वजह से पुलिस उनके हाथों की कठपुतली बनकर रह गई हैं. वहीं प्रशासनिक अधिकारी इस पूरे मामले पर मौन धारण कर हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं.

बता दें कि लाठी डंडों से लेस इन गुंडों के सामने जो भी आया उसकी जान लेने में इन्होंने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. वहीं जान बचाने की इसी भगदड़ में कई ग्रामीण घायल हो गए. लोगों का आरोप हैं कि अवैध माईनिंग के हज़ारों ओवरलोड ट्रक दिन रात धनधनाते हुए इनके गांव की गलियों से गुज़रते हैं, जिनकी रफ्तार अपने आगे आने वाले किसी इंसान को देखकर भी कम नहीं होती और डेथ वारंट बने इन ट्रकों के टॉयर अब तक ना-जाने कितने बेकसूरों के खून से लाल हो चुकें हैं.

इन्हें गांव में गुज़रने से रोकने के लिए पिछले कई दिनों से ग्रामीण हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल एवं यमुनानगर विधायक घनश्यामदास की मौजूदगी में स्टोनक्रेशर मालिकों के साथ बैठकें कर चुकें हैं. बैठकों में हर बार स्पीकर एवं विधायक बीच में से उठकर चले जाते है, लिहाजा सभी बैठकें बे-नतीजा साबित हुई है. वहीं इसके बाद ग्रामीणों ने खुद रात को पहरा देना शुरू किया, जिससे तिल-मिलाकर रेत माफियां ने बीती रात इनपर जान-लेवा हमला कर दिया.

ग्रामीणों का आरोप हैं कि माईनिंग माफिया को बीजेपी सरकार में बैठे लोगों का संरक्षण प्राप्त हैं, यही कारण हैं कि हमले के दौरान ग्रामीणों द्वारा बार-बार पुलिस से फोन पर मदद की गुहार लगाने के बावजूद उनकी मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा, और उल्टा पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को ही खरी-खोटी सुना डाली.