यूपी पुलिस और मथुरा पुलिस की पीड़ितों को न्याय दिलाने के दावों की खुली पोल

ख़बरें अभी तक। यूपी पुलिस के मुखिया ओपी सिंह और मथुरा के एसएसपी प्रभाकर चौधरी भले पुलिस में सुधार की बात करते हो और पीड़ित को न्याय दिलाने के दावे करते हो लेकिन इनके सभी दावों की उस समय पोल खुल गई जब मथुरा के थाना वृंदावन कोतवाली में उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. जब जानलेवा हमले की पीड़िता अपने मुकदमे की जांच कर रहे हैं दरोगा सुरेंद्र सिंह से जानकारी करने वृंदावन कोतवाली पहुंची.

कोतवाली पहुंचने के बाद पीड़िता सुनीता और उनकी गुरुमाता का पारा हाई हो गया, जब अपने मुकदमे के विवेचक दरोगा सुरेंद्र सिंह से जानकारी करने पर पता चला कि पुलिस ने पीड़िता को मुकदमे में झूठा साबित कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी है और पीड़िता से चार्जशीट लगाने के नाम पर मथुरा के ईमानदार एसएसपी प्रभाकर की पुलिस के दरोगा सुरेंद्र कुमार सिंह ने जांच की एवज पैसा लिए, इतना ही नहीं दरोगा जी ने पैसा भी लिया और काम भी नहीं किया.

तो वहीं पीड़ित अपने समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंच गई और दरोगा जी से पैसे वापस मांगने लगी तो दरोगा जी भी ताब में आ गए और पीड़ितों को हड़काने लगे. वहीं जब इस पूरी घटना के बारे में दरोगा जी से बात की गई तो उन्होंने जांच के नाम पर पैसा लेने से इनकार कर दिया. वहीं अब पीड़ित उच्च अधिकारियों से मिलकर न्याय मिलने की बात कर रही है. फिलहाल पुलिस के आलाधिकारी अपने ही विभाग के अधिकारी को फंसता देख इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नही है.