कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता को पुरानी खेल नीति से नवाजेगी सरकार

ख़बरें अभी तक। अंबाला- आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के लिए पदक जीतने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों का प्रदेश सरकार के हाथों पुरस्कार पाने का इंतजार अब खत्म होता दिख रहा है. खिलाड़ियों को सम्मानित किए जाने में हो रही देरी पर विपक्ष भी सरकार पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है. जिस पर सरकार ने अपना रुख साफ किया है. कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता चैंपियंस को हरियाणा सरकार पुरानी खेल नीति के मुताबिक ही कैश प्राइज से नवाजेगी. सरकार के फैसले के मुताबिक हरियाणा की ओर से खेलने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों को कैश अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा.

पूरी दूनिया हरियाणा के खिलाड़ियों के दमखम का लोहा मानती है. खेलों की मेडल फैक्ट्री के नाम से विख्यात हरियाणा के खिलाड़ियों ने आस्ट्रेलिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना जलवा दिखाते हुए देश के लिए 22 मेडल जीते. भारत को मिले कुल 66 पदकों में से अकेले हरियाणवी खिलाड़ियों ने एक तिहाई पदक अपने नाम कर लिए. इन खिलाड़ियों को सूबे के खेल मंत्री अनिल विज ने बाकायदा ट्वीट करके बधाई भी दी थी. खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल को एक सम्मान समारोह का आयोजन करने का भी ऐलान कर दिया था. परंतु पेंच पुरस्कार राशि को लेकर उस वक्त फंस गया जब अन्य महकमों से खेलने वाले खिलाड़ियों ने प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली पुरस्कार राशि पर सवाल खड़े कर दिए थे.

इसके बाद सरकार ने आनन फानन में इस कार्यक्रम को अगली घोषणा होने तक रद्द कर दिया था. अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर विदेश के दौरे से लौट आए हैं और पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करने को लेकर खेल मंत्री अनिल विज और सीएम ने आम सहमति भी बना ली है. अब पुरानी खेल नीति के मुताबिक ही प्रदेश के 11 पदक विजेता खिलाड़ियों को सरकार पुरस्कारों से नवाजेगी जो हरियाणा के ही हैं और वो हरियाणा की ओर से ही खेले हैं.

खिलाड़ियों के पुरस्कार और नौकरियों के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठाने वाले विपक्षियों को विज ने करारा जवाब दिया. विपक्ष पर निशाना साधते हुए अनिल विज ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने इस बारे में कह दिया है कि जो हमारी खेल नीति है उसी के तहत ईनाम दिए जाएंगे और खेल नीति तो यही कहती है कि जो खिलाड़ी हरियाणा से खेले हैं केवल उन्हें ही ईनाम दिया जाएगा. दूसरों को नहीं दिया जायेगा. हमने उसमें बदलाव करवाए थे कि दूसरे खिलाड़ियों को भी ईनाम दिया जाए, परन्तु अब भी कई खिलाड़ी पुरस्कार लेने का विरोध कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने सोनीपत में इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी है कि उनको ईनाम नहीं दिए जाएंगे. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की खेल नीति पर विज ने घेरते हुए कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसी कायदे कानून को नहीं माना. उनके खिलाफ अनेकों रिप्रेजेंटेशन हमारे पास आई हुई हैं. वो तो कायदे कानून पर चलते नहीं थे परन्तु हमारी सरकार कायदे कानूनों को मानती है.