मुबंई के सुपरकॉप ने मुंह में डालकर रिवॉल्वर दाग दी गोली

खबरें अभी तक। मुबंई के सुपरकॉप हिमांशु रॉय के आत्महत्या के सही कारणों का अभी पता नहीं है परन्तु पुलिस द्वारा जाँच पड़ताल की जा रही है। वह देश के उन कुछ चुनिंदा अफसरों में थे जिन्हें z+ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी।आतंकवाद से जुड़े इन मामलों की जांच के दौरान हिमांशु की जान को खतरा माना गया था। हिमांशु को यह सुरक्षा मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस और इंडियन मुजाहिदीन के चीफ यासीन भटकल और दाऊद इब्राहिम की संपत्तियों को जब्त करने के चलते मिली हुई।

हिमांशु रॉय को भी ATS चीफ पद से हटाकर पुलिस हाउसिंग का ADG बना दिया गया था। ट्रांसफर में पक्षपात को लेकर गृह मंत्रालय पत्र भी लिखा था। 2015 में हिमांशु रॉय सहित कई ऑफिसर्स ने महाराष्ट्र गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर ट्रांसफर में पक्षपात और सीनियर ऑफसरों द्वारा खराब व्यवहार किए जाने की शिकायत भी की थी।

जानकारी की मानें तो पूर्व ATS  प्रमुख हिमांशु रॉय कैंसर से पीड़ित थे। बताया जा रहा है कि अप्रैल 2016 से उन्होंने मेडिकल लीव ले रखी थी। आत्महत्या के कारणों की जानकारी के लिए पुलिस उच्च अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं।