खबरें अभी तक। मथुरा के गुरुशरणानंद जी महाराज के आश्रम में हर साल होने वाली पारंपरिक होली का आयोजन किया गया । जिसमें फूलों की होली के साथ-साथ टेसू के फूलों के रंग से भी होली खेली गई। इस आश्रम में हर साल वार्षिकोत्सव के मौके पर होली का आयोजन किया जाता है। इस दौरान यहाँ खेली जाने वाली होली इस आयोजन की विशेषता होती है।
इस बार की होली में सूखे फूलों के अलावा गुलाल और टेसू के फूलों से बने रंग का इस्तेमाल किय गया। टेसू से बने इन प्राकृतिक रंगों की खासियत यह है कि इनसे शरीर को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है।
वार्षिकोत्सव में राधा-कृष्ण की रासलीला के समय हुये होली के रसिया गायन से यहाँ मौजूद भक्त पूरी तरह होली के रंग में रंगे नजर आये और पंडाल में बैठे-बैठे ही दोनों हाथों से ताली बजा कर होली के रसिया गाने लगे। पूरे पंडाल का माहौल ये था कि हर कोई राधा-कृष्ण के स्वरूपों के साथ होली खेलना चाहता था और सभी ये मौका पाकर खुद को बेहद आनंदित महसूस कर रहे थे।