
हिमाचल प्रदेश की सरकार सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों आर्थिक तंगी के भंवर में फंसी हुई है । राज्य की हालत इतनी खराब है कि सरकार को मंदिरों से चंदा लेना पड़ा, प्रदेश पर एक लाख करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है । हिमाचल की अफसरशाही के मुखिया ऐसे समय में होली पार्टी कर रहे हैं और इस पार्टी का खर्च सरकार पर डाल देते हैं । उन्होंने कहा IAS उनकी पत्नी और बच्चों की पार्टी का खर्च सरकार पर डालना दुर्भाग्यपूर्ण है ।
बिक्रम ठाकुर ने कहा, जिन अधिकारीयों को प्रदेश की जनता की सेवा के लिए भेजा गया है , वह सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्होंने कहा सरकारी खर्च पर आयोजित ज्येष्ठ अधिकारीयों और उनके परिवारों की उपस्थिति, उसमें किए गए खर्च को देखते हुए यह साफ है की यह लोकतांत्रिक भावना नैतिक आचरण और प्रशासनिक मर्यादा का घोर उल्लंघन है ।
उन्होंने कहा प्रदेश सरकार से प्रदेश में आम जनता जब परेशान है, एसे समय में नौकरशाही का इस तरह आचरण सही नहीं है । यह जिम्मेदारी और वित्तीय अनुशासन उपेक्षा है, जो केंद्रीय सिविल सेवा नियम 1964 के तहत भी उल्लंघन की श्रेणी में आता है, जिसमें अधिकारीयों से इमानदारी, निष्ठा और निष्पक्षता की अपेक्षा की जाती है ।
चीफ सेक्रेटरी प्रबोध ने होली वाले दिन IAS अफसरों को शिमला होटल हॉलिडे होम में लंच पार्टी दी थी, इसमें लगभग 75 अफसर उनकी बीवियां और उनके बच्चे शामिल हुए, अब इस पार्टी के बिल को प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया गया है, और अब सरकार के स्तर पर बिल के भुगतान की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है ।