ख़बरें अभी तक: सनातन धर्म में सभी पर्वों के लिए खास पूजा विधि और शुभ मुहूर्त बताए गए हैं। ताकि उस नियत समय पर पूजा करके ईश्वर की विशेष कृपा पाई जा सके। होली भी उन्हें पर्वों में से एक है। रंगों के जरिए खुशहाली और रिश्तों को जोड़ने वाले इस खास पर्व पर यदि शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो जीवन में किसी तरह की कोई कमी नहीं होती। आइए जानते हैं होलिका दहन की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त…
होलिका दहन की तारीख – 07 मार्च 2023
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त – सायंकाल 06:24 से रात्रि 08:51 बजे तक रहेगा.
रंग वाली होली – 08 मार्च 2023
होलिका की पूजा से पहले करें ये तैयारी
होलिका दहन की पूजा को विधि-विधान से करने के लिए आपको उसकी पहले से तैयारी कर लेना चाहिए, ताकि पूजा करते समय कोई परेशानी न हो. होलिका दहन के लिए एक कोई भी थाली लेकर उसमें रोली, कुमकुम, साबुत हल्दी, काला तिल, कच्चा सूत, अक्षत, अबीर, गुलाल, साबुत मूंग, सूखा नारियल, फल-फूल, मिठाई-बताशे, मिट्टी का दीपक, गाय के गोबर से बने उपलों की माला, गेहूं की बाली और एक लोटा शुद्ध जल ले लें.
कैसे करें होलिका दहन की पूजा
होलिका दहन की पूजा करने के लिए सबसे पहले लोटे में लिए जल को होलिका दहन वाले उस स्थान पर छिड़कें जहां पर आप उनकी पूजा करने जा रहे हैं. ऐसा करने पर उस स्थान की भूमि शुद्ध हो जाएगी. इसके बाद सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें और उसके बाद होलिका की हल्दी, रोली, अक्षत, कुमकुम, फल-फूल, मिष्ठान आदि अर्पित करें. इसके बाद होलिका की सात बार परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत लपेटें. इसके बाद उपलों की माला अर्पित करें और जब होलिका की अग्नि प्रज्जवलित हो जाए तो सबसे अंत में नारियल को काटकर उसमें थोड़ा काला तिल डालकर सिर पर सात बार वार लें और उसे जलती हुई होलिका में डाल दें और एक बार फिर जलती हुई होलिका की सात बार परिक्रमा करें. अंत में होलिका राख ठंडी होने पर उसे अपने घर ले जाएं और माथे पर प्रसाद स्वरूप धारण करें.
होलिका दहन क्यों मनाया जाता है ?
इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन भी माना जाता है। पवित्र अग्नि की पूजा करने वाले लोग जल और अनाज को अग्नि को अर्पित करते हैं। लोग इसे छोटी होली के रूप में भी मनाते हैं और माथे पर तिलक के रूप में कुछ गुलाल लगाते हैं। पवित्र जली हुई आग की राख उन्हें घर वापस लाती है और उन्हें पवित्र वेदी पर रखती है। होलिका दहन के बाद सभी लोग होली की तैयारी शुरू कर देते हैं, उस दिन कई लोगों द्वारा हवन भी किया जाता है।