2050 तक भारत के इन 9 राज्यों में बरप सकता है कुदरत का कहर, यूपी-असम तक खतरा!

ख़बरें अभी तक: आज की पीढ़ी जिस प्रकार से प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रही है उसी को देखते हुए जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के नए-नए दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. पिछले कई दशकों से वैज्ञानिक शोध हम की जलवायु परिवर्तन के खतरों से आगाह करते रहे हैं.

अब एक बार फिर दावा किया गया कि 2050 तक दुनिया के 50 प्रांतों में भयंकर प्राकृतिक आपदा आने वाली है. क्‍लाइमेट रिस्‍क ग्रुप के क्रास डिपेंडेंसी इनीशियेटिव (एक्सडीआइ) ने सोमवार को यह रिपोर्ट जारी कर बताया है कि इन 50 प्रांतों में सबसे ज्यादा चीन के शहर हैं.

भारत के 9 राज्यों के साथ ही अमेरिका के 5 शहरों में इसका खतरा रहेगा. इन 50 क्षेत्रों में बाढ़, जंगलों में आग, गर्म हवा की लहरें, समुद्र के जलस्‍तर में बढ़ोतरी, अत्यधिक हवा और बर्फबारी जैसे खतरे शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार चीन के 26 प्रांत हैं, जिसमें जियांगसू और शेडोंग दो सबसे बड़े आर्थिक केंद्र हैं. इस लिस्ट में पाकिस्तान, ब्राजील, इंडोनेशिया भी शामिल हैं.

आइए जानते है कि आने वाले सालों में भारत के वो कौन से 9 राज्य हैं जिन पर जलवायु परिवर्तन का अधिक खतरा मंडरा रहा है

साल 2050 तक दुनिया भर के कई देश प्राकृतिक आपदा की मार झेलेंगे. भारत के भी 9 राज्य इस सूची में शामिल हैं. भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई सबसे हाई रिस्क में है.

देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश भी इस लिस्ट में शामिल है. यहां पहले भी लोग असामान्य बारिश और हीटवेव का सामना कर चुके हैं. बदलती जलवायु के चलते अब खतरा और बढ़ गया है.

बिहार की राजधानी पटना समेत सभी जिलों में तापमान अचानक बढ़ जाता है, तो कभी भारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है.  रिपोर्ट के अनुसार बिहार भी 2050 तक प्राकृतिक आपदा के कहर की चपेट में रहेगा.

पिछले साल चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ से तमिलनाडु में भारी नुकसान हुआ था. यह पहली बार नहीं है, तमिलनाडु में अक्सर बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहती है. यह हमेशा रिस्क जोन में रहा है. रिपोर्ट में दावा है कि तमिलनाडु भी प्राकृतिक संकट का सामना करेगा.

2050 तक प्राकृतिक आपदा के कहर की चपेट में राजस्थान भी रहेगा.

पंजाब में कहीं अधिक सूखा तो कहीं असामान्य बारिश ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है, फिलहाल अभी पंजाब-हरियाणा में गर्मी बढ़ने लगी है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2050 तक पंजाब भी जलवायु परिवर्तन के रिस्क में रहेगा.

केरल (Kerala) में कई बार भारी बारिश और बाढ़ के चलते लोगों की मौतें हुई हैं. दक्षिण और मध्य केरल में बेमौसम बरसात का अधिक खतरा रहता है. पिछले साल बारिश के कारण अचानक बाढ़ आई थी

जलवायु परिवर्तन का असर गुजरत पर भी पड़ेगा. यहां दो साल पहले से ही तापमान में वृद्धि देखने को मिल गई थी. इस साल गुजरात के कई इलाकों में बेमौसम बरसात हुई. बारिश से किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ

भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम पर भी जलवायु परिवर्तन का खतरा है. चाय और सिल्क की खेती के लिए जाना जाने वाला असम जब प्राकृतिक आपदा की मार झेलेगा तो अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रहार होगा.