कानपुर: खौफनाक मंजर, जिंदा जलीं मां-बेटी,अफसरों के सामने झोपड़ी में लगी आग

ख़बरें अभी तक: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से एक खौफनाक मंजर सामने आया है.जहां अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की बुलडोजर की कार्रवाई में एक मां और बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गयी.पुलिस प्रशासन का इतना खौफनाक रूप शायद ही आपने पहले कभी देखा होगा.

क्या है पूरा मामला…

दरअसल, डीएम नेहा जैन सोमवार को अपने कार्यालय में जनसुवाई कर रही थीं। उसी दौरान डीएम कार्यालय पहुंचे मड़ौली गांव कुछ लोगों ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव की  ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने की शिकायत की। डीएम ने शिकायती पत्र पर एसडीएम को मौके पर जाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। 


एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक के अलावा राजस्व और रुरा इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग की टीम बुलडोजर से ग्राम समाज की जमीन से कृष्ण गोपाल का कब्जा हटना शुरू किया। उसी दौरान अचानक वहां रखी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लग गई। उस वक्त घर में मौजूद कृ्ष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) लपटों के बीच फंस गईं। उन्हें बचाने के प्रयास में कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम झुलस गए।

गिड़गिड़ता रहा परिवार

इस दौरान कृष्ण गोपाल का कब्जा हटाने राजस्व व पुलिस विभाग के अफसर पहुंचे तो पूरा परिवार गिड़गिड़ाते हुए बोला, साहब तोडा समय तो आप दे सकते हो, हम गरीब लोगों को सताना चाह रहे हो, बहुत वर्षों से यहां रह रहे हैं। अफसर बोले यह सरकारी जमीन है। पगरीब आदमी का ऐसे नहीं सताव जात है यह कहकर कृष्ण गोपाल और उसका परिवार अफसरों के सामने गिड़गिड़ता रहा, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। अफसर कब्जा हटाते रहे और उनके सामने मां-बेटी जिंदा जल गईं और एक परिवार ने अपने सदस्य खो दिए.

राज्यमंत्री समेत कई नेता पहुंचे सांत्वना देने

मां-बेटी की मौत की खबर सुनते ही राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी मौके पर पहुंचे। दोनों ने दुखी परिवार को सांत्वना दी। साथ ही घटना के बारे में जानकारी लेने के साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया। राज्यमंत्री ने मामले की निष्पक्ष जांच व सरकारी मदद दिलाए जाने की बात भी पीड़ित परिवार से कही है।इसके अलावा कई और नेता पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे थे