ख़बरें अभी तक: करनाल के फूसगढ़ इलाके से पिछले दिनों एक साथ 45 गायों के मरने की खबर आई थी जिसके बाद इस मामले में हाई लेवल जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी. लेकिन इसके बाद अब एक फिर से करनाल के फूसगढ से ऐसी खबरें सामने आ रही है।
आपको बता दें कि फूसगढ़ के नंदीशाला में अचानक से 11 गोवंशों की मौत हो गई है। ये नंदी शाला नगर निगम के तहत ही आती है, और उस गौशाला से महज 100 मीटर की दूरी पर है जहां पर पिछले दिनों 45 से ज्यादा गायों की मरने की खबर आई थी, उस मामले में खुलासा हो गया कि एक गैंग गायों की चर्बी और हड्डियां बेचता था इसलिए उन्होंने गुड़ के साथ सल्फास दिया था जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी ।

कर्मचारी बिना पोस्टमार्टम के गौवंश को नंदी शाला में दफना रहे थे
वहीं अब नंदी शाला में 11 गौवंश की मौत हुई है, नगर निगम के कर्मचारी बिना पोस्टमार्टम के इन गौवंश को नंदी शाला में दफना रहे थे वो जिसके लिए जेसीबी भी बुला ली गई थी, इतना ही नहीं गड्डे भी खोदने शुरू कर दिए गए थे, पर मौके पर हमारी टीम पहुंचती है, पार्षद पहुंचते और उसके बाद गौवंश को दफनाना रूकवाया जाता है, मौके पर पुलिस बुलाई जाती है

गौवंशो की मौत किन कारणों से…
हालांकि गौवंशो की मौत किन कारणों से हुई है ये अभी पता नहीं चल पाया है, पार्षद, मीडिया के दबाव और पुलिस के पहुंचने के बाद अब नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम करवाया जाएगा और उसके बाद पता चल पाएगा कि गौवंश की मौत का क्या कारण है। इन गौवंशों की मौत को देखकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये भी है कि क्या नंदी शाला के हालात बद से बदतर थे? क्या ये गौवंश भी जहर के कारण मरे हैं? क्या ठंड और बुरे रख रखाव के कारण इनकी मौत हुई है? क्या ये गौवंश भूख से तड़प तड़प के मरे हैं, ये जांच का विषय है पर बड़ा सवाल ये भी है कि बिना किसी को जानकारी दिए पशुओं के डॉक्टर से पूछकर नगर निगम के कर्मचारी इसे दफना क्यों रहे थे, क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती की इनका पोस्टमार्टम करवाया जाए