बुरा वक्त आने से पहले भगवान देते है ये संकेत, भूलकर भी न करें अनदेखा…

ख़बरें अभी तक: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में ग्रह परिवर्तन से व्यक्ति के जीवन पर असर पड़ता है। इसके साथ ही ग्रहों के बढ़ने-घटने से व्यक्ति के दैनिक जीवन में असर पड़ता है। जब इंसान की कुंडली में ग्रह सही स्थिति में होते हैं तो उसके जीवन में सब कुछ अच्छा होता है। अगर ग्रह कुंडली में गलत स्थिति में होते हैं तो इंसान की जीवन में उसका असर बुरा पड़ता है। इंसान के साथ कुछ बुरा होने से पहले उसके संकेतों को समझकर बुरे समय से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं बुरा समय शुरू होने के ये कुछ संकेत…

तुलसी का सूखना: तुलसी के पत्ते हरे होते हैं और हरा रंग बुध ग्रह का प्रतीक होता है. इसलिए तुलसी के पौधे का सूखना अशुभ संकेत माना जाता है और अगर ऐसा हो रहा है तो समझ जाइए के आपके जीवन में कुछ बदलाव आने वाला है। इसे बुरे समय का संकेत भी माना जाता है।

चमगादड़ का आना: हिंदू पुराणों के अनुसार चमगादड़ का घर में आना अपशगुन होता है। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी के घर में चमगादड़ का प्रवेश होता है तो वह घर के सदस्यों के बीच विवाद और कलह का कारण भी बन सकता है।

कांच का टूटना: साइंस के मुताबिक कांच का टूटना अपशकुन नहीं होता क्योंकि कांच भी एक वस्तु है जिसका यूज करने पर उसे एक ना एक दिन टूटना ही है। ठीक वैसे ही वास्तु शास्त्र के अनुसार कांच का टूटना अपशकुन माना जाता है क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार कांच तभी टूटता है जब आप पर कोई परेशानी आनी होती है।

सोने का खोना: गले का सोना खोना वैभव में कमी आने का संकेत हो सकता है। सोने के कंगन का खोना ये मान सम्मान में कमी आने का संकेत हो सकता है। सोने की अंगूठी का खोना सोने की अंगूठी खोने से सेहत संबंधी परेशानियों का सामना कररा पड़ सकता है। नाक का सोना खोना इसको अपयश मिलने का संकेत माना जाता है।

बिल्ली का रोना: बिल्ली का रोना संकेत देता है कि घर के सदस्यों पर कोई बड़ी मुसीबत आने वाली है। हमारे जीवन में घटने वाली कई घटनाओं को शकुन-अपशकुन से जोड़ कर देखा जाता है। शकुन शास्त्र में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जो शुभ और अशुभ का संकेत देती हैं। शकुन शास्त्र में बिल्ली का रोना अपशकुन माना जाता है।

दिया बार बार बुझना: एक अन्य मान्यता के अनुसार दीपक का बुझना संकेत है कि व्यक्ति सच्चे मन से भगवान की पूजा नहीं कर रहा है। हालांकि दीपक बुझने की और भी कोई वजह हो सकती हैं। विद्वानों के अनुसार यदि किसी पूजा के दौरान दीपक बुझ जाए तो आप हाथ जोड़कर भगवान से इसके लिए माफी मांग सकते हैं और फिर से दीपक को प्रज्वलित कर सकते हैं।