सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन:सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठ बोलकर विज्ञापन डालना पड़ेगा महंगा!

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ग्राहकों के अधिकारों और हितों की रक्षा करने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Consumer Affairs Ministry) की ओर से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई है, जिसमें किसी प्रोडक्ट्स के सोशल मीडिया में प्रचार करने के नियमों के बारे में बताया गया है। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसे भरी भरकम जुर्माना भरना पड़ेगा।

इसके तहत वे उन्हीं प्रोडक्ट्स को एंडोर्स कर सकेंगे, जिनका उन्होंने खुद इस्तेमाल किया हो या कर रहे हैं। यानी इन्फ्लुएंसर्स हो या सिलेब्रिटीज वे किसी भी प्रोडक्ट्स को बढ़ा-चढ़ाकर कस्टमर्स को गुमराह नहीं कर सकते।

देश में कई ऑनलाइन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जिस पर कई प्रकर के प्रोडेक्टो की मार्केटिंग होती है और इन प्रोडेक्ट का प्रचार लोकप्रिय चेहरे करते है जिसे लोग प्रोडक्ट के रिव्यू देखकर खरीद लेते हैं लेकिन बाद में पता चलता है कि जो बातें बताई गई हैं वो सब खूबियां इसमें है ही नहीं, जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठ बोलकर विज्ञापन डालना महंगा पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स (Social Media Influencers) के साथ-साथ कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं।

इनके तहत अब प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट का प्रचार करने वाले हर एक सेलिब्रिटी या इन्फ्लुएंर को ये बताना होगा कि उन्होंने पैसा लेकर किसी प्रोडक्ट को इंडोर्स किया है। इसके अलावा ये भी बताना होगा कि इंडोर्समेंट के पीछे उनका फाइनेंशियल इंटरेस्ट शामिल है या नहीं। यह नया नियम शुक्रवार को ही लागू कर दिया गया।

उपभोक्ता मामले के मंत्रालय के मुताबिक, सरकार के इस नियम का पालन नहीं किया गया तो कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत जुर्माना देना पड़ सकता है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) मैन्युफैक्चरर्स, एडवर्टाइजर्स और एंडोर्सर्स पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। लगातार नियम का पालन नहीं करने पर 50 लाख तक जुर्माना देना होगा। साथ ही विज्ञापन करने वाले को 6 साल तक किसी भी एंडोर्समेंट से रोका जा सकता है। उपभोक्ताओं का कहना है ये फैसला अच्छा है.