करियर बनाने का सपना लिए घर से बाहर निकली अंकिता की हत्या के आरोप में भले ही कई गिरफ्तारी हो गई हों, लेकिन अब भी कई सवालों के जवाब आने बाकी हैं। अंकिता (Ankita bhandari) की मौत की जो कहानी अब तक सामने आई है, वही पूरा सच है या फिर इसके पीछे बड़ा रहस्य है, इसे लेकर तमाम किंतु-परंतु हो रहे हैं। राजस्व विभाग के एक कर्मचारी की अक्सर रिसार्ट में मौजूदगी इस हत्याकांड से जुड़े कई सवालों को खड़ा कर रही है।
सरकारी कर्मचारी से लेकर सफेदपोश तक के साजिश में शामिल होने का संदेह जताया जा रहा है। ऐसे में आधी रात रिसार्ट में अंकिता के कमरे वाले हिस्से को बुलडोजर से तोड़े जाने से साक्ष्य मिटाने के प्रयासों के आरोप को भी बल मिल रहा है। ये अलग बात है कि पुलिस तोड़फोड़ से पहले ही साक्ष्य जुटा लेने का दावा कर रही है, लेकिन अंकिता (Ankita bhandari) के कमरे का नजारा जांच की पोल खोल रहा है। इस कमरे में घटना के बाद से बेरोकटोक आवाजाही हो रही है।
अंकिता (Ankita bhandari) का सामान वहीं पड़ा हुआ है, यहां तक कि 18 सितंबर की रात उसके कमरे में जो खाना पहुंचाया गया, वह नौ दिन बाद भी वैसा ही पड़ा हुआ है। यहां लगे इलेक्ट्रानिक उपकरण भी टूटे पड़े हैं। परिस्थितियां साफ संकेत दे रही हैं कि इस जघन्य हत्याकांड की कड़ियां कुछ और रास्तों से होकर भी गुजरी हैं। फिजां में तैर रहे सवालों के जवाब आने पर ही इस रहस्य से पर्दा उठ पाएगा। हत्याकांड का राजफाश होते ही अंकिता के कमरे को रातोंरात बुलडोजर से तुड़वा दिया गया।
यह किसके इशारे पर हुआ, इससे पर्दा अब तक नहीं उठा है। शुरुआत में स्थानीय विधायक से लेकर सरकार तक ने इसका श्रेय जरूर लिया, मगर सवाल उठने शुरू हुए तो सभी ने पल्ला झाड़ लिया। इसी तरह प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पहले तोड़फोड़ का आदेश देने का दावा किया, मगर बाद में जिम्मेदारी लेने से पलट गए।
अंकिता (Ankita bhandari) इसी रिसार्ट के एक कमरे में रहती थी। रिसार्ट में बुलडोजर से तोड़फोड़ और आगजनी सिर्फ अंकिता (Ankita bhandari) के कमरे में ही की गई। एलसीडी समेत तमाम अन्य सामान को तोड़ने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) के तार काट दिए गए। पर्दों में भी आग लगा दी गई। यह सब अंकिता के कमरे में ही क्यों, यह सवाल भी अभी बना हुआ है है। अब तक की जांच से साफ है कि अंकिता (Ankita bhandari) की हत्या की कहानी वनन्तरा रिसार्ट में ही लिखी गई।
ऐसे में संगीन अपराध से जुड़ाव होने के बाद भी रिसार्ट में लोगों की आवाजाही बेरोकटोक जारी है। यहां पुलिसकर्मी भी तैनात हैं, लेकिन कौन आ रहा है और कौन जा रहा है, इससे उन्हें कोई लेना-देना नहीं। पुलिस मौन क्यों हैं, इस पर सवाल उठ रहे हैं। घटना के सप्ताहभर बाद भी इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा है कि रिसार्ट में उस दिन कौन वीआइपी मेहमान आए थे, जिन्हें अंकिता को ‘स्पेशल सर्विस’ देने के लिए कहा गया था।
यही नहीं, इस रिसार्ट में कौन आता है और कौन जाता है, यह कहीं दर्ज नहीं होता। इसकी वजह क्या है, किसी को नहीं मालूम। मुख्य हत्यारोपित पुलकित आर्या का कहना है कि घटना वाली रात अंकिता ने उसका मोबाइल चीला नहर में फेंक दिया था। इसके बाद आरोपितों ने अंकिता (Ankita bhandari) को नहर में धक्का दिया। जबकि, अंकिता के दोस्त पुष्प का कहना है कि अंकिता का मोबाइल बंद होने के पौन घंटे बाद उसकी पुलकित से मोबाइल पर बात हुई। दूसरी तरफ, अंकिता (Ankita bhandari) का शव मिल गया, मगर उसके मोबाइल को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है।
कुल मिलाकर परिस्थितियां दोनों के मोबाइल को लेकर झोल की तरफ संकेत कर रही हैं। ।18 सितंबर को वीआइपी मेहमानों के जाने के बाद पुलकित आधा घंटे तक अंकिता के कमरे में था। इस दौरान लगातार अंकिता के रोने और चिल्लाने की आवाज आती रही, मगर यह अब तक साफ नहीं हो पाया है कि इस दौरान अंकिता के साथ क्या हुआ है।