30 से ज्यादा देशों में फैल चुका है वायरस, दहशत में लोग, WHO ने दी चेतावनी

खबरें अभी तक:  Monkeypox की दहशत हर तरफ है मंकीपॉक्स अब 30 से ज्यादा देशों में फैल चुका है और इसके 550 से ज्यादा केस हो गए है WHO ने इसको लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है… डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि वायरस का अनडिटेक्टेड ट्रांसमिशन हो सकता है. एक ही समय में मंकीपॉक्स की अचानक उपस्थिति से पता चलता है कि इससे अनडिटेक्टेड ट्रांसमिशन हो सकता है. कितना खतरनाक है ये वायरस चलिए जानते हैं….

दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में ये बिमारी आमतौर पर पाई जाती है और बाकी देशों में इसका खतरा  लगातार बना हुआ है लगातार इसके केस बढ़ रहे है आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये कोरोना जैसा भयंकर रूप ना ले ले …डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा कि मंकीपॉक्स के सैकड़ों मामले अफ्रीकी देशों से सामने आए हैं. डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि वायरस का अनडिटेक्टेड ट्रांसमिशन हो सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस ने कहा, “जांच जारी है, लेकिन कई देशों में एक ही समय में मंकीपॉक्स की अचानक उपस्थिति से पता चलता है कि कुछ समय के लिए अनडिटेक्टेड ट्रांसमिशन हो सकता है.”डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ब्रिटेन ने पहली बार 7 मई को एक पुष्ट मंकीपॉक्स मामले की सूचना दी थी, इसके बाद पश्चिम और मध्य अफ्रीकी देशों के बाहर 30 देशों में बीमारी के 550 से अधिक पुष्ट मामलों की पुष्टि की गई है.संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के शीर्ष मंकीपॉक्स विशेषज्ञ रोसमंड लेविस ने कहा कि यूरोप और अन्य देशों में इतने सारे मामलों की उपस्थिति “स्पष्ट रूप से चिंता का कारण है, और यह कुछ समय के लिए अनडिटेक्टेड ट्रांसमिशन का सुझाव देती है.”

उन्होंने कहा, “हम नहीं जानते कि क्या यह हफ्तों, महीनों या संभवतः कुछ वर्षों के लिए है.” लेविस ने कहा, “हम वास्तव में नहीं जानते कि क्या इसमें बहुत देर हो चुकी है.”यह बीमारी चेचक से संबंधित है, जिसने 1980 में खत्म होने से पहले हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली थी. हालांकि मंकीपॉक्स ), जो संपर्क से फैलता है, बहुत कम गंभीर होता है, जिसमें आमतौर पर तेज बुखार और चिकनपॉक्स जैसे दाने होते हैं जो कुछ हफ्तों में साफ हो जाते हैं. चेचक के लिए विकसित टीके मंकीपॉक्स को रोकने में लगभग 85 प्रतिशत प्रभावी पाए गए हैं. मंकीपॉक्स के लिए मृत्यु दर आमतौर पर काफी कम है और स्थानिक देशों के बाहर अब तक पाए गए मामलों में से किसी की भी मौत की सूचना नहीं मिली है.