परिवार नहीं चाहता था अंतिम समय में मिल्खा सिंह को हो कोई कष्ट, इसलिए…

ख़बरें अभी तक || ‘फ्लाइंग सिख’ कहे जाने वाले देश के महान धावक मिल्खा सिंह का बीती रात चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में निधन हो गया है।91 साल की उम्र में ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इसी हफ्ते उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह ने भी कोविड से जंग में दम तोड़ दिया था। फ्लाइंग सिख मिल्खा के निधन की खबर ने पूरे देश को दुखी किया है।

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मिल्खा सिंह को वेंटिलेटर पर रखने से परिजनों ने किया मना

Family Did Not Want Milkha Singh To Suffer At The Last Moment So Did Not  Send On Ventilator - आखिरी वक्त की कहानी: परिवार नहीं चाहता था मिल्खा सिंह  को अंतिम समय

वहीं शुक्रवार को जब मिल्खा सिंह की हालत बिगड़ने लगी तो पीजीआई के डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना होगा। परिजनों ने मिल्खा सिंह को वेंटिलेटर पर रखने से मना कर दिया था। परिजनों को आभास हो गया था कि निर्मल मिल्खा सिंह के जाने के बाद वे ज्यादा दिन तक जी नहीं पाएंगे। 

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वेंटिलेटर पर उनके जीवन को खींचना ठीक नहीं होगा। पत्नी के साथ उनका जबरदस्त बंधन था। दो दिन से उनकी याद आने लगी थी। परिजन अंतिम समय पर चाहते थे कि वे बिना किसी कष्ट के ही शांतिपूर्ण अंतिम यात्रा पर जाएं। हालांकि पीजीआई के डॉक्टर और परिजन लगातार उनकी देखरेख में लगे रहें।

पीजीआई से घर लाया गया पार्थिव शरीर

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निधन के बाद परिजन उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ सेक्टर आठ स्थित घर पर ले आए थे। घर पर सन्नाटा पसरा हुआ था। घर पर जीव मिल्खा सिंह के साथ उनकी पत्नी कुदरत मिल्खा सिंह, बेटा हरजय मिल्खा सिंह और मिल्खा की बेटी मोना और सोनिया मौजूद थीं। मिल्खा सिंह का संस्कार शनिवार को दोपहर बाद सेक्टर-25 में किया जाएगा। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा।

मां के बाद अब पिता भी नहीं रहे

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मिल्खा सिंह के निधन के बाद उनके बेटे व अंतरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने कहा कि मेरे पिता का निधन रात 11.30 बजे के करीब हुआ। शुक्रवार को उन्होंने अपनी जिंदगी के लिए काफी संघर्ष किया था लेकिन भगवान के अपने तरीके हैं। यह सच्चा प्यार और साथ था कि पांच दिन में मां और पिता दोनों चले गए। हम पीजीआई के डॉक्टरों के उनके साहसिक प्रयासों और दुनिया भर से मिले प्यार और प्रार्थना के लिए आभारी हैं।