ख़बरें अभी तक || बिहार के बक्सर में गंगा नदी के किनारे चौसा के महादेवा घाट पर इन दिनों मिल रहे लाशों के ढेर से स्थानीय लोगों के साथ-साथ जिला प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ है। कोरोना के कारण जान गंवा रहे लोगों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान और कब्रिस्तानों में जगह नहीं मिल रही है। इसकी सबसे भयावह तस्वीर बिहार के बक्सर से सामने आई है। यूपी बॉर्डर से सटे इस जिले में सोमवार को 40-50 लाशें गंगा नदी के किनारे बहती दिखी।
आपको बता दें बक्सर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का संसदीय क्षेत्र भी है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि ये शव उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और वाराणसी से बहकर यहां पहुंचे हैं।
बक्सर के डीएम अमन समीर ने इस संबंध में सोमवार को कहा कि यह सभी लाशें यूपी की हैं। इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है। डिस्पोजल का काम जारी है। करीब 40 लाशों को डिस्पोज किया जा चुका है।
गांवों में एक-डेढ़ महीने से बढ़ने लगा मौतों का आंकड़ा
बक्सर के चरित्रवन गांव के लोगों का कहना है कि आसपास के गांवों में पिछले एक-डेढ़ महीने से मौतें अचानक बढ़ गई हैं। मरने वाले सभी खांसी-बुखार से पीड़ित थे। यहां के चौसा श्मशान घाट पर आने वाले ज्यादातर शवों को गंगा में डाल दिया जा रहा है। इनमें से सैकड़ों शव गंगा किनारे पड़े सड़ गल रहे हैं। चरित्रवन के श्मशानों में तो सोमवार को अंतिम संस्कार के लिए जगह ही नहीं बची।
घाटों पर दिन-रात जल रहीं चिताएं
चरित्रवन और चौसा श्मशान घाट पर दिन-रात चिताएं जल रही हैं। कब्रिस्तानों में भी भीड़ लगी रहती है। पहले जहां चौसा श्मशान घाट पर हर दिन दो से पांच चिताएं जलती थीं, वहीं अब 40 से 50 चिताएं जलाई जा रही हैं। बक्सर में यह आंकड़ा औसतन 90 है।
7 शव जलाए, 16 को गंगा में प्रवाहित किया
चरित्रवन श्मशान घाट पर एक बार में 10 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। बक्सर में रविवार को 76 शव सरकारी आंकड़ों में दर्ज हुए, जबकि 100 से ज्यादा अंतिम संस्कार हुए। रोजाना 20 से ज्यादा लोग श्मशान घाट में रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराते। चौसा में भी 25 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें 7 को जलाया गया, वहीं 16 शवों को नदी में बहा दिया गया। कुछ शव बहकर आने की बात कही जा रही है।
सुरक्षा मानकों का पालन किए बिना लाशें हो रहीं डिस्पोज
इधर, चौसा महादेवा घाट पर लाशों को डिस्पोज करने में लगे निगमकर्मी और स्थानीय डोम राजा बिना सुरक्षा मानकों का पालन किए बिना ही यह काम कर रहे हैं। यह भी चिंता का विषय है। उन्हें पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स आदि मुहैया नहीं कराया गया है। ऐसी लापरवाही होती रही तो फिर यह भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
दरअसल, बिहार का बक्सर जिला बिहार-यूपी बॉर्डर पर है। ऐसे में यूपी के भी कई लोगों का अंतिम संस्कार बक्सर के घाटों पर ही किया जाता है। मौजूदा समय में इतने लोगों की मौत हो रही है कि शवों का अंतिम संस्कार ठीक से नहीं हो पा रहा है। वहीं, गंगा की बहाव की वजह से 50 से अधिक की संख्या में शव बक्सर के घाटों पर इकट्ठा हो गए हैं। जिसे देख प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
कोरोना पॉजिटिव का शव हुआ तो स्थिति हो सकती भयावह
लाशों के इकट्ठा होने का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इस मामल में सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। अगर ऐसा है कि यूपी की लाशें बिहार आ रहीं तो इस संबंध में यहां के मुख्यमंत्री को यूपी के मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए। अगर कोरोना पॉजिटिव लोगों का शव हुआ तो स्थिति भयावह हो सकती है।