Khabrain Abhi Tak, Chandigarh
कोरोना वायरस वो महामारी है, जिसे दुनिया के बढ़े से बढ़े डॉक्टर और विशेषज्ञ भी ठीक से समझ नहीं पाएं हैं। कोरोना वायरस कैसे होता है और इसके लक्षण क्या हैं? इन सभी सवालों का कोई सटीक जवाब तो नहीं है, लेकिन इसे समझने की पूरी कोशिश की जा रही है।
इस समय जरूरत है कि आप कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करें। यूं तो कोरोना या आम तौर पर होने वाली खांसी में फर्क कर पाना मुश्किल हैं, लेकिन बावजूद इसके आप कुछ बातों पर ध्यान दें तो कोरोना के लक्षणों और खांसी को पहचाना जा सकता है।
कॉमन कोल्ड और कोविड-19 ये दोनों ही हमारे रेस्पिरेटरी टैक्ट को प्रभावित करने वाले वायरस के संपर्क से होते हैं। वायरस के छोटे- छोटे ड्रॉपलेट छींकते, खांसते और बोलते समय एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संक्रमण फैलता है। दोनों ही वायरस अलग होते हैं और दोनों के लक्षण भी काफी अलग होते हैं। हालांकि आम कोल्ड के मुकाबले कोरोना वायरस के लक्षण ज्यादा घातक होते हैं। ये कॉमन कोल्ड से ज्यादा दिन रहता है।
कोरोना वायरस में होने वाली खांसी की पहचान –
सूखी खांसी-
कोरोना वायरस को पहचानने के लिए सूखी खांसी सबसे आसान तरीका है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 59 से 82 प्रतिशत कोरोना मरीजों को शुरू में सूखी खांसी होती है। 2020 में WHO की एक स्टडी में 68 प्रतिशत लोगों को सूखी खांसी के लक्षण मिले हैं।
अब आपके मन में सवाल है कि सूखी खांसी कैसे होती है? आम तौर पर लोग इसकी पहचान नहीं कर पाते।
दरअसल, खांसी करते समय सूखी खांसी में बलगम नहीं आती है। अगर खांसते समय आपकी खांसी में बलगम आती है, तो आपको सूखी खांसी नहीं है। ऐसी खांसी केवल फ्लू या कोल्ड में ही देखी जाती है। सूंखी खांसी किसी एलर्जी का भी संकेत हो सकती है।
लगातार खांसी होना भी यही संकेत देता है कि आप कोरोना वायरस की चपेट में है। कोविड- 19 संक्रमित मरीज के गले से खांसते हुए एक ही साउंड निकलती है। क्योंकि लगातार हो रही खांसी से व्यक्ति के एयरवेज प्रभावित होते हैं।
लगातार खांसी होना भी यही संकेत देता है कि आप कोरोना वायरस की चपेट में है। कोविड- 19 संक्रमित मरीज के गले से खांसते हुए एक ही साउंड निकलती है। क्योंकि लगातार हो रही खांसी से व्यक्ति के एयरवेज प्रभावित होते हैं।
अगर आपको खांसी और बुखार होने के साथ सांस लेने में तक्लीफ होती है, तो समझ जाइए कि कोरोना ने दस्तक दी है। ऐसी स्थित में इंसान हांफ्ना शुरू कर देता है।
गले में खराश होना भी असामान्य लक्षण है, जो मरीज में अलग तरह से नजर आता है। कोरोना गले पर अटैक करता है। कोरोना वायरस से बचने के लिए जरूरी है कि छोटे- छोटे लक्षणों को पहचाना जा सके क्योंकि शुरू में ही आप इलाज करवा लेंगे, तो कोरोना को रोका जा सकेगा।