ख़बरें अभी तक || देश में एक बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद पिछले एक साल से आर्थिक तंगी से जूझ रहे उद्योगों पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। लॉकडाउन के डर से एक तो मजदूर घरों को वापस जा रहे हैं, दूसरा अब प्रदेश सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। ऐसे में फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, सोनीपत, करनाल व अंबाला समेत कई जिलों में फैक्ट्रियों में रात की शिफ्ट प्रभावित होने लगी है।
उद्योगपतियों का कहना है कि नाइट कर्फ्यू में उद्योगों को कुछ शर्तों के साथ राहत दी जाए। पहले भी उद्योगों को राहत दी गई और कर्मचारियों के लिए पास आदि जारी किए गए थे।
प्रदेश सरकार ने रात 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू का ऑर्डर जारी किया है। पिछले साल भी कोरोना के केस बढ़ने से लॉकडाउन तक की नौबत आ गई थी। मजदूर भी पलायन करने अपने घर के लिए चले गए थे और कई माह तक उद्योग धंधे बंद पड़े रहे। अब मार्च में फिर से कोरोना ने गति पकड़ी और नाइट कर्फ्यू की नौबत आ गई है।
कारोबारी और व्यापारियों ने कहा कि उद्योग पहले से काफी पिछड़ गए हैं, इसलिए सरकार को विशेष राहत देनी चाहिए। कारोबारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण रोकना जरूरी है, लेकिन अगर रात को शिफ्ट बंद हो गई तो मजदूर फिर से अपने घरों को चले जाएंगे और इससे कारोबार का काफी नुकसान हो सकता है।
नियम पूरा करने वालों को मिले राहत
फरीदाबाद के उद्योगपति रवि वासुदेवा का कहना है कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कर्फ्यू का फैसला गलत नहीं है, लेकिन उद्योगों को चलाने के लिए जरूर सरकार को सोचना चाहिए। जो फैक्टरी कोविड-19 के नियमों को पूरा करती हैं, उनको रात में शिफ्ट चलाने देना चाहिए। क्योंकि अब यह लंबा चला तो यकीनन इसका असर उद्योगों पर पड़ेगा।
शर्तों के साथ मिले छूट : गोयल
हरियाणा चैंबर्स आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के राज्य प्रधान विष्णु गोयल ने कहा कि प्रदेश में जिस प्रकार से संक्रमण बढ़ रहा है। चैंबर्स ने भी सामाजिक दूरी और मास्क लगाने की हिदायत जारी कर रखी हैं। वहीं कर्मचारियों व मजदूरों को भी निर्देश दिए हैं कि वे पहचान पत्र जरूर रखें। पहले की तरह फैक्टरी व अन्य उद्योगों के लिए पास की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि काम सुचारू चल सकें।