ख़बरें अभी तक || केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारत बंद सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बुलाया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दावा किया गया है कि इस बंद को तमाम संगठन और राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है।
किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं भारत बंद का सीधा असर ट्रेन और सड़क परिवहन पर भी पड़ सकता है। उधर दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा की चाक चौबंध व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा और लोगों को बीच रास्ते आने वाली दिक्कतों को देखते हुए रोडवेज ने बसें न चलाने का फैसला लिया है। उधर रेलगाड़ियों का आवागमन प्रभावित हो सकता है। किसानों का ऐलान है कि सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे बंद के दौरान राष्ट्रीय मार्गों समेत 10 से 12 सड़क मार्ग पूरी तरह बंद रखे जाएंगे। इसलिए आमजन बहुत जरूरी हो तो ही बाहर निकले। बंद को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस और रेलवे ने पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। यह बंदी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर किए जा रहे हैं।
भारत बंद का दिल्ली पर होगा ये असर
दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है वे सड़कें पहले से बंद हैं। इस दौरान वैकल्पिक रास्ते खोले गए थे। आज के भारत बंद के दौरान सुबह 6 से शाम 6 बजे तक इन वैकल्पिक रास्तों को भी बंद कर दिया गया है। किसान संयुक्त मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि रोड और रेल ट्रांसपोर्ट ब्लॉक किए जाएंगे। उन्होंने यह भी दावा किया है कि बाजार भी बंद रहेंगे।
किसानों का प्रदर्शन शुरू, गाजीपुर बॉर्डर बंद
किसान आंदोलन के आज चार महीने पूरे हो गए हैं। किसानों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया है। यानि न कोई दिल्ली की ओर आ सकता है और न ही कोई दिल्ली से जा सकता है। किसान बीच सड़क में बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर बंद होने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद?
किसान मोर्चा ने कहा कि पूर्ण भारत बंद के तहत सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे। तमाम छोटी-बड़ी सड़कें और ट्रेनें जाम की जाएगी। एम्बुलेंस व अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। दिल्ली के अंदर भी भारत बंद का प्रभाव रहेगा।
किसान मोर्चा ने अपील की है कि बंदी के दौरान आंदोलकारी शांति बनाए रखें और कोई भी गलत कदम न उठाएं। राजेवाल ने कहा कि संगठित और असंगठित क्षेत्र से जुड़ी ट्रेड यूनियनों और परिवहन एवं अन्य संगठनों ने ‘भारत बंद’ के किसानों के आह्वान को अपना समर्थन दिया है।
CAIT बंद में शामिल नहीं
देश में आठ करोड़ व्यापारियों के प्रतिनिधित्व का दावा करनेवाली ‘कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ ने कहा है कि हम लोग भारत बंद के शामिल नहीं हो रहे हैं। संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ”हम कल भारत बंद में शामिल नहीं हो रहे हैं। दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे। जारी गतिरोध का समाधान केवल वार्ता प्रक्रिया से किया जा सकता है। कृषि कानूनों में संशोधन पर चर्चा होनी चाहिए जो मौजूदा कृषि को लाभ योग्य बना सकते हैं।”
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि ‘भारत बंद’ का बड़ा प्रभाव हरियाणा और पंजाब में होगा। उन्होंने कहा कि चुनावी राज्यों-तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी के लोगों से बंद में शामिल नहीं होने की अपील की गई है।