कोरोना काल में महंगाई की मार, सब्जियों के दामों ने बिगाड़ा किचन का बजट

ख़बरें अभी तक || पहले कोरोना की मार, किसानों का आंदोलन और अब सब्जियों के बढ़ते दाम ! इन सभी ने आमजन की कमर तोड़ कर रख दी है। सब्जियों के बढ़ते दामों ने रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। जो टमाटर जून के महीने में करीब 20-30 रुपए किलो बिकते थे, वहीं टमाटर अब 35- 40 रुपए बिकने लगे है।

यहीं नहीं कई अन्य सब्जियां जैसे शिमला मिर्च, प्याज, आलू, गोबी, हरी मिर्च इनके दामों में भी दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। वहीं जब सब्जियों के बढ़ते दामों को लेकर दुकानदारों से बातचीत कि गई तो उन्होनें बताया कि सब्जियों के दाम लॉकडाउन के बाद से ही बढे हुए है। उसके बाद बारिश के कारण बहुत सारी सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई। वहीं किसानों के आंदोलन का भी सब्जियों के दामों पर काफी असर पड़ा है।

क्योकिं किसानों के आंदोलन के कारण लोकल सब्जियां मंडी में नहीं आ पा रही और सब्जियां दूसरे राज्यों से मंगवानी पड़ती है। उनका ट्रांसपोर्ट खर्च होने की वजह से उनके दाम भी यहां आते -आते दोगुने हो जाते है। यही कारण है कि सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 20 – 25 रूपये बिकने वाले टमाटर की कीमत 35 -40  रूपये किलों हो गयी है और शिमला मिर्च, प्याज, आलू, गोबी , हरी मिर्च इन सब सब्जियों की कीमतों में भी दोगुनी बढ़ोतरी हुई है।