कुल्लू: 2003 में बंद की पेंशन को बहाल करें प्रदेश सरकार: बीके सूद

ख़बरें अभी तक। कुल्लू: वर्ष 2003 में बंद की गई पेंशन को प्रदेश सरकार को बहाल कर देना चाहिए और विधुत बोर्ड में चल रही कर्मचारियों की कमी को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। यह बात विधुत पेंशनर वेल्फेयर एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष बीके सूद ने राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कही। जिला कुल्लू के शाड़ावाई में इस बैठक का भव्य आयोजन किया गया।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष बीके सूद ने कहा कि हम तो पेंशन धारक हैं लेकिन वर्ष 2003 में सरकार ने पेंशन बंद करने का जो निर्णय लिया वो तर्क संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि एक पद पर जो रहे हैं वह पेंशन ले रहे हैं और उसी पद पर हमारी सेवानिवृति के बाद कोई आ रहा उसे पेंशन नहीं यह कितना तर्क संगत है। इसलिए सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पूर्व में रहे कर्मचारियों व अधिकारियों ने विधुत बोर्ड का जो मजबूत ढांचा खड़ा किया है वह आज कुशल कर्मचारियों की कमी के कारण लड़खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व के लोगों ने चाहे दुर्गम क्षेत्र में विधुतीकरण,विधुत उत्पादन,संचार एवं विधुत आपूर्ति इत्यादि में कड़ी मेहनत से मजबूत ढांचा तैयार किया है लेकिन आज कर्मचारियों की वजह से चरमरा रहा है।

इसलिए स्टाफ की कमी को नई भर्ती करके शीघ्र पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा लंबे समय से बोर्ड प्रबंधन से मांग की जा रही है कि चुने हुए संघ के लोगों से समस्याओं के बारे वार्ता करें लेकिन प्रबंधन पेंशनरों के प्रति जागरुक नहीं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से लेकर विधुत भत्ते की मांग की जा रही है वह भी पूरी नहीं की जा रही है जबकि परिवहन निगम में कर्मचारियों को हर सुविधा मिल रही है।

उन्होंने कहा कि 65-70 व 75 वर्ष आयु पूरी करने पर 5-10-15 प्रतिशत की पेंशन को मूल पेंशन के साथ समायोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बार-बार बोर्ड के विघटन का प्रयास कर रही है जो निंदनीय हैं और सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। जहां भी बोर्ड का विघटन हुआ है वे पूर्णतय असफल है।

उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के दौरान सीसीएस रूल में अध्यादेश चुपके से लाया जिससे अवरोध खड़ा हो  गया है। जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सीसीएस रूल स्वतः ही लागू रहने चाहिए और अध्यादेश रद्द किया जाए।