चंडीगढ़ सेक्टर-32 अग्निकांड मामला: अवैध रुप से चल रहा था पीजी

ख़बरें अभी तक। चंडीगढ़ के सेक्टर-32 की कोठी नंबर 3325 की पहली मंजिल पर आग लगने से तीन लड़कियों की मौत का मामला सामने आया था। शनिवार शाम 4 बजे हुए इस हादसे का कारण लैपटॉप चार्जर में शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है। वहीं कहा जा रहा कि लड़कियों की मौत का कारण दम घूटना भी हो सकता है।

वहीं इस ढाई मंजिला कोठी में अवैध पीजी चलाया जा रहा था, जिसके छह कमरों में 30 लड़कियां रहती थीं। इस मंजिल पर कुल 14 लड़कियां रहती थीं लेकिन हादसे के वक्त 5 ही मौजूद थीं। हादसे में तीन की मौत हो गई जबकि दो लड़कियां जैसमीन और फेमिना ने कोठी से कूदकर जान बचाई। फायर ब्रिगेड ने सूचना मिलने के बाद आग पर करीब 20 मिनट में काबू पा लिया था।

मरने वालों में कपूरथला की रिया अरोड़ा, कोटकपूरा की पाक्षी और हिसार की मुस्कान शामिल हैं। पुलिस के अनुसार तीनों लड़कियों के शव अलग-अलग केबिन में बैड के नीचे से मिले। मुस्कान का शव 70% जली हालत में मिला है। रिया और पाक्षी का शव मामूली जली हालत में मिला है।

वहीं सेक्टर-34 पुलिस ने पीजी चलाने वाले नितेश बंसल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया है। डीसी ने मामले की जांच एसडीएम साउथ को सौंप दी है। इस पीजी की जिस मंजिल पर आग लगी उसमें 3 कमरों में फाइबर और लकड़ी का इस्तेमाल कर 7 कैबिन तैयार किए गए थे। जिनमें बैड रखने के बाद चलने को भी मुश्किल ही जगह बचती थी।

पुलिस ने बताया कि इस पीजी को चलाने वाले नितेश बंसल पर पिछले साल 5 फरवरी को अवैध पीजी चलाने का केस दर्ज किया गया था। सजा के रूप में जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया था। लेकिन उसके बाद कभी पीजी की जांच नहीं की गई। वहीं इसके मालिक गगन अनुजा के खिलाफ भी पुलिस जल्द कार्रवाई कर सकती है क्योंकि इसी ने पीजी तैयार कर आगे किराए पर उठाया हुआ था। और वह नितेश से एक लाख रुपए महीना ले रहा था।