मन में अगर कुछ कर गुजरने का इरादा हो तो उम्र मायने नहीं रखती, ऐसा ही कुछ कर दिखाया 105 साल की भागीरथी अम्मा ने

ख़बरें अभी तक। कहते है ना अगर मन में इच्छा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है ऐसा ही कुछ कर दिखाया केरल की 105 साल की भागीरथी अम्मा ने। 105 साल की भागीरथी अम्मा को पढ़ाई करने का बहुत शौक था लेकिन अम्मा जब 9 साल की थी तो उनकी माँ का देहांत हो गया था जिसके बाद अम्मा ने पढ़ाई छोड़ दी थी और उसके बाद से ही वह अपने भाई-बहनों की देखभाल में लग गई थी। जिसमें व्यस्त होने के कारण वह अपनी पढ़ाई के बारें में भूल गई।

फिर एक दिन अम्मा की शादी हो गई उसके बाद परिवार बढ़ा और अम्मा छह बच्चों की मां बन गईं। उसके बाद अम्मा की जिंदगी में एक बहुत बड़ा भुचाल आया ये भुचाल था उनके पति के देहांत होने का अब परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई और जीवन की इस कठिन घड़ी में उनके पढ़ने का सपना अधूरा ही रह गया। वहीं उनके छह बच्चों के साथ 16 नाती पोते और 12 पड़नाती पड़पोते भी हुए।

ऐसे ही उनकी जिंदगी धीरे-धीरे कटती रही और अब उनकी आंखों की रौशनी भी एक दिन कम हो गई। दांत भी नहीं रहे अम्मा बेहद कमजोर हो गई क्योंकि अम्मा अब बूढ़ी हो चुकी थी और अब अम्मा के दिल से पढ़ाई करने का सपना भी कहीं गायब हो गया था। लेकिन एक दिन आया जब उनके मन में दबा पढ़ाई का सपना फिर जाग उठा और इसी के चलते उन्होंने पिछले वर्ष राज्य के साक्षरता अभियान में पंजीकरण कराया और छह फरवरी को घोषित किए गए परिणामों में उन्हें चौथी कक्षा की परीक्षा में 74.5 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की।

वो कहते है ना पढ़ाई करने की कोई उम्र नहीं होती और इस बात को सच कर दिखाया 105 साल की भागीरथी अम्मा ने। अपने एक पुराने इंटरव्यू में भागीरथी ने गणित को आसान विषय बताया था और गणित की परीक्षा में 75 में से 75 अंक लेकर उन्होंने इसे साबित भी कर दिया। उनके अन्य विषयों में मलयालम, अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान शामिल थे। उन्हें मलयालम में 50 में से 30 अंक मिले, जबकि अंग्रेजी और मलयालम में 70 में से 50-50 अंक लेकर कुल 275 में से 205 अंक हासिल किए।

बता दें कि वर्ष 2019 में राज्य के कुल 11,593 लोगों ने साक्षरता मिशन के तहत चौथी कक्षा की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 10,012 ने यह परीक्षा पास कर ली। खास बात यह है कि इन 10 हजार से अधिक लोगों में 9,456 महिलाएं हैं। राज्य के पथनमतिट्ठा इलाके में 385 लोगों ने परीक्षा में शिरकत की और सभी को उत्तीर्ण घोषित किया गया। वर्ष 2018 में 96 बरस की कात्यायिनी अम्मा ने 100 में से 98 अंक लेकर इतिहास रच दिया था।

कात्यायिनी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया था और राष्ट्रमंडल प्रतिनिधि ने उनके घर जाकर उनका सम्मान किया। तीन दिन में अपनी चार परीक्षाओं के जवाब लिखने वाली भागीरथी की असाधारण उपलब्धि पर केरल राज्य साक्षरता मिशन की निदेशक पी एस श्रीकला ने प्राक्कुलम स्थित उनके घर जाकर उन्हें बधाई दी। वहीं अब अम्मा जी का इरादा 10वीं कक्षा की परीक्षा देने का है।