महान स्वतंत्रता सेनानी और आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती आज

ख़बरें अभी तक। महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी सन् 1897 को ओड़िशा के कटक शहर में हिन्दू कायस्थ परिवार में हुआ था। 23 जनवरी को महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के रूप में मनाया जाता है। सुभाष चंद्र बोस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में अहम योगदान दिया था। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के एक ऐतिहासिक भाषण के शब्दों ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ ने आजाद हिन्द फौज के जवानों के अंदर जोश भर दिया था।

आरंभ में वे कांग्रेस से जुड़े, 1938-39 के दौरान वे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। बाद में कांग्रेस में मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र दिया तथा फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। उन्होंने आजाद हिन्द फ़ौज के द्वारा देश को स्वतंत्र करने का प्रयास किया। आजाद हिन्द फ़ौज की स्थापना 21 अक्टूबर, 1943 में सिंगापुर में की गयी थी। इसकी स्थापना निर्वासित भारतीयों द्वारा की गयी थी। इसकी स्थापना में रास बिहारी बोस की भूमिका काफी महत्वपूर्ण थी।

इसकी स्थापना नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के विचारों से प्रेरित होकर की गयी थी। यह एक सशस्त्र सेना थी, जिसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश नियंत्रण से मुक्त करना था। सुभाष चन्द्र बोस इस फ़ौज के सर्वोच्च कमांडर थे। उनका ‘जय हिन्द’ का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया। उन्होंने सिंगापुर के टाउन हाल के सामने सुप्रीम कमांडर के रूप में सेना को संबोधित करते हुए ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया। गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर सुभाष चंद्र बोस ने ही संबोधित किया था। जलियांवाला बाग कांड ने उन्हें इस कदर विचलित कर दिया कि वह आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।