आज है इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत,ऐसे करेंगे पूजा तो महादेव हर लेगे सारे कष्ट

खबरें अभी तक। इस वर्ष 2020 का दूसरा प्रदोष व्रत 22 जनवरी दिन बुधवार यानि के दिन पड़ रहा है। वहीं खास बात तो ये है कि बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, प्रदोष व्रत हर मास की त्रयोदशी तिथि के दिन पड़ता है। आज बुधवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार आता है। एक प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के किन पड़ता है। इस बुध प्रदोष व्रत के दिन विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2020 का पहला प्रदोष व्रत 08 जनवरी को पड़ा था।

प्रदोष व्रत मुहूर्त- माघ मास की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 22 जनवरी दिन बुधवार को तड़के 01 बजकर 44 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 23 जनवरी दिन गुरुवार को तड़के 01 बजकर 48 मिनट तक जारी रहेगा।

प्रदोष व्रत पूजा समय- 22 जनवरी को शाम 05 बजकर 51 मिनट से रात 08 बजकर 32 मिनट तक कर सकते है।

प्रदोष व्रत: पूजा विधि- त्रयोदशी तिथि को सुबह के समय दैनिक कार्यों से निपट जाए। इसके बाद भगवान शिव को स्मरण करके व्रत का संकल्प लें। महत्वपुर्ण जानकारी,प्रदोष पूजा शाम के समय ही होती है। सूर्यास्त के बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद दिए गए मुहूर्त में देवों के देव महादेव की विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठ कर ही पूजा करें। इसके बाद भगवान शिव शंकर को पुष्प, अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि क्षद्धापूर्वक अर्पित करें। गंगाजल से महादेव का अभिषेक करें। फिर ओम नम: शिवाय मंत्र का श्रद्धा भाव से जाप करें। साथ ही शिव चालीसा और शिव आरती करें। पूजा संपन्न होने के बाद प्रसाद परिजनों को सहित अन्य लोगों में बांट दें।

बुध प्रदोष व्रत का लाभ- बुध प्रदोष व्रत से व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। महादेव उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति करके उसके सभी कष्टों, बाधाओं और संकटों को दूर कर उनके जीवन को सुखमयी बनाते है।