जानिए हर साल 15 जनवरी को ही भारत में सेना दिवस क्यों मनाया जाता है

ख़बरें अभी तक। आज यानि 15 जनवरी को भारत में सेना दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी। करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। आजादी के बाद सेना के पहले दो चीफ ब्रिटिश थे। करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर की जगह ली जिन्होंने 1 जनवरी, 1948 से 15 जनवरी, 1949 तक सेना के शीर्ष पद पर अपनी सेवाएं दीं। बुचर से पहले जनरल सर रॉबर्ट मैक्ग्रेगॉर मैक्डॉनाल्ड लोकहार्ट 15 अगस्त, 1947 से 31 दिसंबर, 1947 तक आर्मी चीफ रहे।

भारत-पाक आजादी के समय करियप्पा को दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे उन्होंने पूरी ईमानदारी से निभाया था। अप्रैल 1986 में उन्हें बेहतरीन सैन्य सेवाओं के लिए पंच-सितारा रैंक फील्ड मार्शल से सम्मानित किया गया था। आज तक ये पंच-सितारा रैंक भारतीय सेनाओं में केवल तीन सैन्य अधिकारियों को मिली है जिनके नाम हैं- करियप्पा, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और मार्शल ऑफ इंडियन एयर फोर्स अर्जन सिंह।

बता दें कि भारतीय सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है। भारत में कुल 1.4 मिलियन सक्रिय सेना और 11.55 आरक्षित बल हैं, साथ ही 20 लाख अर्धसैनिक बल हैं। देश के 80% सक्रिय रक्षा कर्मियों की तुलना में, भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी स्वयंसेवी सेना है। भारतीय सेना संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सबसे बड़ी योगदानकर्ताओं में से एक है, और उसने ऑपरेशन ब्रास्टैक्स और एक्सरसाइज शूरवीर जैसे बड़े शांति-काल के अभ्यास किए हैं।