निर्भया गैंगरेप पर कोर्ट के फैसले का रामदेव ने किया स्वागत, जेएनयू की घटना को बताया शर्मसार

ख़बरें अभी तक। सात साल बाद निर्भया गैंगरेप मामले को लेकर कोर्ट द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। जिसमें चार आरोपियों को 22 तारीख को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई। कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले का बाबा रामदेव ने स्वागत किया है, साथ ही बाबा रामदेव ने मांग की कि ऐसी घटनाओं को लेकर हर राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए। जिससे ऐसी घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

जिससे महिलाओं पर हो रही गैंगरेप जैसी घटनाओं पर तुरंत आरोपियों को सजा होनी चाहिए, क्योंकि जिस तरह से देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक भय का वातावरण है। इससे पूरा देश शर्मसार होता है और महिलाओं की इज्जत सरेआम लूटी जाती है महिलाओं के साथ हो रही ऐसी कई घटनाएं मैंने सुनी है जो आरोपी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं मैं उनके माता-पिता से भी अपील करता हूं।

वह अपने बच्चों को ऐसे संस्कार दें कि वह बेटियों की इज्जत करना सीखे यह संस्कार देना भी माता-पिता की जिम्मेदारी होता है। बाबा रामदेव का कहना है कि इस फैसले को लेकर अगर आरोपी राष्ट्रपति से क्षमा की अर्जी लगाते हैं तो वहां पर ही इस मामले पर तुरंत फैसला होगा इतना मैं मानता हूं, क्योंकि निर्भया की मां को कितनी पीड़ा हुई होगी निर्भया की मां को मैं दाद देता हूं जो आरोपियों को सजा दिलाने के लिए लड़ती रही।

वहीं जेएनयू में हुई घटना को बाबा रामदेव ने शर्मनाक बताया और जिन लोगों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया सरकार और पुलिस प्रशासन को तुरंत कार्रवाई की मांग की बाबा रामदेव ने जेएनयू को राजनीति का अड्डा बनाने की बात भी की। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए बहुत ही शर्मनाक है शिक्षा संस्थानों में ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं होनी चाहिए पहले जंगलों में इस तरह से गैंगवार होता था। अब शिक्षा संस्थानों में ऐसा माहौल देखने को मिल रहा है यह बहुत ही शर्मनाक है।

शिक्षा संस्थानों में इस तरह का गैंगवार किसी भी तरह से सही नहीं है अगर छात्र शिक्षा संस्थानों में इस तरह की राजनीति सीखेगे तो वो देश का नेतृत्व कैसे करेंगे यह छात्र राजनीति नहीं है, छात्र गुंडागर्दी है जो छात्र शिक्षा संस्थानों में ऐसी गुंडागर्दी करते हैं उनको वहां से निष्कासित करना चाहिए और जो भी इस अपराध की सजा होती है उनको मिलनी चाहिए ऐसे गुंडागर्दी करने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय में नहीं जेल में होना चाहिए।