इस साल (2020) मकर संक्रांति का त्योहार कब मनाया जाएगा

ख़बरें अभी तक। मकर संक्रांति हिंदुओं के बड़े त्योहारों में से एक है। इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को मध्यरात्रि बाद 2:08 बजे होगी, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति में दान-पुण्य करने का समय संपूर्ण दिन रहेगा। अत: मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाना शास्त्र सम्मत है।

मकर संक्रांति को खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है। यही वजह है कि इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मौके पर चावल, काली दाल, नमक, हल्दी, मटर और सब्जियां खासतौर पर फूलगोभी डालकर खिचड़ी बनाई जाती है।

दरअसल चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और काली दाल को शनि का। वहीं, हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं। कहते हैं कि खिचड़ी की गर्मी व्यक्ति को मंगल और सूर्य से जोड़ती है। इस दिन खिचड़ी खाने से राशि में ग्रहों की स्थिती मजबूत होती है। इसलिए उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है तथा गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक आदि का प्रसाद बांटा जाता है|

मकर संक्रांति पर्व का महत्त्व व मान्यताएं…..

शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायन को नकारात्मकता तथा उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक कर्मों का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस दिन किया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। जैसा कि निम्न श्लोक से स्पष्ट होता है-

माघे मासे महादेव: यो दास्यति घृतकम्बलम।

स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षं प्राप्यति॥

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त……

पुण्यकाल: सुबह 07.19 से 12.31 बजे तक

महापुण्य काल – 07.19 से 09.03 बजे तक

मकर संक्रांति के दिन दान-दक्षिणा का विशेष महत्व होता हैं।