ख़बरें अभी तक। आज के दिन (4 जनवरी) विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवम्बर, 2018 को प्रस्ताव पारित किया था। यह पहला ब्रेल दिवस है। दृष्टि बाधित लोगों के लिए ब्रेल लिपि विकसित करने वाले लुई ब्रेल की जयंती के अवसर पर यह दिवस मनाया जाता है।
लुई ब्रेल का जन्म उत्तरी फ्रांस के कूपवरे (Coupvray) शहर में चार जनवरी 1809 को हुआ था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व भर में लगभग 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते जबकि 253 मिलियन लोगों में कोई न कोई दृष्टि विकार है। विश्व ब्रेल दिवस का उद्देश्य दृष्टि-बाधित लोगों के अधिकार उन्हें प्रदान करना तथा ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना है।
लुई ब्रेल को दृष्टिबाधित लोगों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार करने के लिए जाना जाता है। बचपन में एक दुर्घटना के कारण लुइस ब्रेल ने अपनी दोनों आंखों की रौशनी खो दी थी। 1821 में ब्रेल को फ़्रांसिसी सेना के चार्ल्स बार्बिएर के सैन्य संचार के प्रणाली के बारे में ज्ञात हुआ।
इस प्रणाली में भी डॉट्स का उपयोग किया जाता था। परन्तु चार्ल्स बार्बिएर का यह कोड काफी जटिल था। इसके बाद उन्होंने अपनी लिपि पर कार्य शुरू किया, 1824 तक लुइस ब्रेल ने अपनी लिपि को लगभग तैयार कर लिया था, उस समय वे 15 वर्ष के थे। लुइस ब्रेल की यह लिपि काफी सरल थी।