यूपी पुलिस पर प्रियंका गांधी का बड़ा आरोप, कहा मुझे गला दबाकर पुलिस वाले ने रोका

खबरें अभी तक। प्रियंका गांधी ने यूपी पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है. प्रियंका का आरोप है कि मुझे रोका गया है. मुझे गला दबाकर पुलिस वाले ने रोका. मुझे पकड़कर धकेला गया. इसके बाद गिर गई थी. मुझे लेडी पुलिस अधिकारी ने रोका था.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज लखनऊ दौरे पर हैं. स्थापना दिवस के मौके पर प्रियंका ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर मोदी सरकार और राज्य की अन्य विपक्षी पार्टियों का मुखर विरोध किया. कार्यक्रम के बाद प्रियंका गांधी पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने के लिए निकलीं. लेकिन लखनऊ पुलिस ने 1090 चौराहे पर उनका काफिला रोक लिया.

रास्ता रोकने पर भड़की थीं प्रियंका जिसके बाद प्रियंका पैदल जाने लगीं और उसी दौरान पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी भी की. बाद में पुलिस बैकफुट पर आ गई और उसने प्रियंका गांधी को दारापुरी के परिवार से मिलने की इजाजत दे दी . हालांकि प्रियंका एक स्कूटी पर जाती नजर आईं. जिस वक्त कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का काफिला रोका गया तो उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमें सड़क पर रोकने का कोई मतलब नहीं है. यह एसपीजी का नहीं बल्कि यूपी पुलिस का मुद्दा है.

दारापुरी के परिवार से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने मीडिया से बात की. इस दौरान प्रियंका ने पुलिस पर उन्हें अनावश्यक रूप से रोकने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “मैं आई और परिवार के सदस्यों से मिली. मिस्टर दारापुरी को हिरासत में लिए जाने पर उन लोगों को धक्का लगा है, वे बहुत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर प्रियंका गांधी ने यूपी पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है. प्रियंका का आरोप है कि मुझे रोका गया है. मुझे गला दबाकर पुलिस वाले ने रोका. मुझे पकड़कर धकेला गया. इसके बाद गिर गई थी. मुझे लेडी पुलिस अधिकारी ने रोका था. इसके बाद मैं एक कार्यकर्ता के साथ स्कूटर पर बैठ कर गई.

प्रियंका गांधी के बयान पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “प्रियंका गांधी झूठ बोल रही हैं, उनका बर्ताव निंदनीय है. ऐसे अस्थायी पब्लिसिटी मिल सकती है, वोट नहीं”. प्रियंका गांधी के साथ लखनऊ में हुई घटना पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है- प्रियंका को जबरन रोकना अलोकतांत्रिक, यह निंदनीय है.

आपको बता दें कि दारापुरी पर लखनऊ में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था और उनके सोशल मीडिया पोस्ट को आधार बनाकर उन्हें पुलिस ने हिरासत में भी लिया था. पुलिस ने दारापुरी को लखनऊ में 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया था.