महिलाएं अपने अधिकार और बने कानूनों का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकती: HC

ख़बरें अभी तक। देश में महिलाओं को सशक्त करने के लिए कई क़ानून बने है लेकिन कई बार देखा गया है कि महिलाएं अपने अधिकार का ग़लत इस्तेमाल करती है। ऐसा ही एक मामला पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में आया है जहां मैट्रिमोनीयल मामले में हाईकोर्ट ने सख़्त हिदायत दी है कि महिलाएं अपने अधिकार और बने कानूनों का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकती यदि पत्नी दहेज का झूठा केस करती है तो पत्नी के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी।

हरियाणा के झज्जर फ़ैमली कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिला की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गयी। इस मामले में पति की ओर से वकील एस के यादव ने बताया कि सुनवाई के दौरान बताया गया कि पति भारतीय वायु सेना में गुजरात में तैनात है। उसका विवाह मार्च 2011 में हुआ था। इसके बाद वह अपने परिवार को गुजरात ले जाना चाहता था। मगर उसकी सास ने परिवार को साथ ले जाने नहीं दिया।

पति ने कहा कि उसकी पत्नी क्रूर स्वभाव की है। वह कर्तव्य का सही ढंग से निर्वाह नहीं कर रही। उसकी पत्नी उसके लिए करवाचौथ का व्रत भी नहीं रखती और उसके परिवार के साथ दिवाली जैसे त्योहार भी नहीं मनाती। इतना ही नहीं जब उसके दोस्त उसके घर आए तो पत्नी ने उनको खाना देने से भी मना कर दिया। एक बार उसने आत्महत्या करने की भी कोशिश की। पत्नी ने उसके व उसके परिवार के खिलाफ पुलिस स्टेशन बेरी (झज्जर) में एक केस भी दर्ज करवा दिया था। इसमें वह बरी हो गए थे।

जिस पर पति की दलीलों को सही मानते हुए हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। वहीं मिडिएशन वकील रीटा कोहली ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि कई मामले आते है जहां पत्नी आरोप लगाती है कि पति उन्हें प्रताड़ित करते है दहेज के लिए है कई बार यह मामले ग़लत निकलते है लेकिन जो प्रताड़ना पति या उसके परिवार ने झेली होती है इसका समाधान नहीं हो पता इसलिए हाईकोर्ट के इस फ़ैसले ने समानता की बात की है। उन्होंने बताया कि रोज़ाना कोर्ट में 80 से 90 प्रतिशत मामले मैट्रिमोनीयल आते है।