गुड़हल की चाय पीने से सर्दी-जुकाम और गले के दर्द से मिलेगा छुटकारा

ख़बरें अभी तक। क्या आपने कभी गुड़हल की चाय पी है अगर नहीं पी है तो एक बार इसकी चाय जरुर ट्राई करें। गुड़हल का फूल बहुत ही सुंदर होता है। यह कई रंगो में देखने को मिलता है जैसे लाल, गुलाबी, पीला, सफेद, बैंगनी आदि। इसको हिबिस्कुस रोजा साइनेंसिस के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। यह विटामिन सी, कैल्शियम, वसा, फाइबर, आयरन का बढ़िया स्रोत है। इसके ताजे फूलों को पीसकर लगाने से बालों का रंग चमकीला, काला और सुंदर हो जाता है।

वहीं डायटिंग करने वाले या गुर्दे की समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति अक्सर इसे शर्बत की तरह बर्फ के साथ बिना चीनी मिलाए पीते हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से मूत्रवर्धक गुण होते हैं। गुड़हल की चाय का प्रयोग सर्दी-जुकाम और बुखार आदि को ठीक करने के लिए किया जाता है। गले के दर्द को और कफ के रोगों के लिए गुड़हल की चाय बहुत उपयोगी है। गुड़हल के फूल का अर्क दिल के लिए उतना ही फायदेमंद है जितना रेड वाइन और चाय।

अगर गुड़हल को गरम पानी के साथ उबाल कर या फिर हर्बल टी की तरह पिया जाए तो यह हाई ब्‍लड प्रेशर को कम करेगा और बढे़ कोलेस्‍ट्रॉल को घटाएगा क्‍योंकि इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट होता है। गुड़हल के फूलों का असर बालों को स्‍वस्‍थ बनाने के लिये भी होता है। इसे पानी में उबाला जाता है और फिर लगाया जाता है जिससे बालों का झड़ना रुक जाता है। यह एक आयुर्वेदिक उपचार है। इसका प्रयोग केशतेल बनाने में भी किया जाता है

गुड़हल के पत्ते तथा फूलों को सुखाकर पीस लें। इस पावडर की एक चम्मच को एक चम्मच मिश्री के साथ पानी से लेते रहने से स्मरण शक्ति तथा स्नायुविक शक्ति बढ़ती है। गुड़हल के फूलों को सुखाकर बनाया गया पाउडर दूध के साथ एक एक चम्मच लेते रहने से रक्त की कमी दूर होती है। यदि चेहरे पर बहुत मुंहासे हो गए हैं तो लाल गुड़हल की पत्तियों को पानी में उबाल कर पीस लें और उसमें शहद मिला कर त्‍वचा पर लगाएं।