जानिए WWW का मतलब क्या होता है और यह कैसे काम करता है

ख़बरें अभी तक। क्या आप जानते है WWW क्या है और यह कैसे काम करता है। इंटरनेट की जब से शुरुआत हुई है तब से ही WWW का इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन यह बहुत कम ही लोग जानते होंगे इसका मतलब क्या है, अगर आप भी इसका मतलब नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारें में बताएंगे।

सबसे पहले जान ले कि WWW की फुल फॉर्म क्या है। WWW की full form होती है World Wide Web. जिसको W3 या Web भी बोला जाता है। यह एक information space है। यहां पर HTML document और Uniform Resource Locators के जरिए Identify किया जाता है। जहां HTML document Hyperlink के जरिए आपस में जुड़े रहते बै. इन वेब डॉक्यूमेंट को हम इंटरनेट के जरिए access करते है।

इनफॉरमेशन को स्टोर करने का यह Central Hub है. WWW, एक प्राइमरी टूल है इसके जरिए हम इंटरनेट को Access या communicate करते है। web document को HTML के जरिए लिखा जाता है। HTML document के अंदर image, audio, video OR Text को Formatted में रखा जाता है।

WWW का इतिहास: World Wide Web से पहले information को display कराने का काम इन्टरनेट ही करता था लेकिन यह केवल text जैसे information को display कराने का काम करता था। हालांकि यह information आदान प्रदान करने का बहुत ही अच्छा तरीका था परन्तु Congress के US Library के catalogue जैसी जानकारी पहुंचाने के लिए यह बहुत ही boring था।

दूसरा features HTML (HyperText Markup Language) था जो की text जैसे information के साथ साथ picture, colors etc. जैसे information को display कराने का काम करता था लेकिन इसे network नहीं किया जा सका। फिर Sir Tim Berners-Lee ने इन सभी features को एक साथ लाया और उसके बाद World Wide Web बनाया| World Wide Web का सबसे पहला परिक्षण दिसम्बर 1990 में Switzerland में स्थित CERN के प्रयोगशालाओं में हुआ। 1991 तक Web browser और Web server software को उपलब्ध कराया गया और 1992 तक कुछ site को server में host किया गया।

WWW काम कैसे करता है: बता दें कि WWW और इन्टरनेट दोनों अलग अलग है। बहुत सारे लोग दोनों को एक ही चीज मानते हैं लेकिन ये दोनों अलग अलग हैं। जब भी कोई user अपने web ब्राउज़र software के address बार में कोई URL enter करता है तो ब्राउज़र domain name server के पास इस specific URL के IP address के लिए request send करता है। जब ब्राउज़र को IP address मिल जाता है तो ब्राउज़र वेब page के लिए वेब server के पास HTTP protocol के माध्यम से request send करता है HTTP, ब्राउज़र और वेब server को एक दुसरे से communicate करने के तरीका को specify करता है।

उसके बाद वेब server HTTP protocol के माध्यम से request को accept करता है और फिर requested web page को search करता है यदि वह page वेब server में मौजूद होता है तो वह वेब ब्राउज़र को response देता है और उसके बाद HTTP connection close कर देता है। अब उसके बाद ब्राउज़र उस वेब page को receive करता है और receive करने के बाद उसके कोड को interpret करके web page को display कराता है।