कोटखाई बहुचर्चित गुड़िया हत्याकांड और रेप मामला: पुलिस अधिकारियों का निलंबन सरकार ने लिया वापिस

ख़बरें अभी तक। कोटखाई के बहुचर्चित गुड़िया हत्या व दुष्कर्म प्रकरण से जुड़े सूरज लॉकअप हत्याकांड मामले में निलंबित तीन पुलिस अधिकारियों एच जहूर जैदी, डीडब्लयू नेगी और मनोज जोशी को दो साल के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार बहाल कर दिया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की तरफ से अधिसूचना जारी की गई है। मामले में जेल जाने पर 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी एच जहूर जैदी व ठियोग के पूर्व डीएसपी मनोज जोशी (एचपीएस) को 29 अक्टूबर 2017 को निलंबित कर दिया गया था।

इसी तरह शिमला के पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी (एचपीएस) 16 नवंबर 2017 को निलंबित हुए थे। सूरज की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में सीबीआई ने संगीन धाराओं में केस दर्ज करते हुए पूर्व आईजी जैदी समेत आठ पुलिस कर्मचारियों को 29 अगस्त, 2017 तथा डीडब्लयू नेगी को 16 नवंबर, 2017 को गिरफ्तार किया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जहूर जैदी को इस वर्ष 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी।

इसके बाद डीडब्ल्यू नेगी और मनोज जोशी को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। जबकि जांच एजेंसी सीबीआई ने तीनों अधिकारियों को जमानत देने का पुरजोर विरोध किया था। जमानत मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय ने तीनों अधिकारियों को बहाल करने की प्रदेश सरकार से सिफारिश की थी।

बता दें कि 06 जुलाई 2017 को कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा का शव साथ में लगते दांदी जंगल में बरामद किया गया था। छात्रा दो दिन पहले स्कूल से रहस्यमयी हालात में गायब हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने की पुष्टि हुई थी। इस मामले में आरंभिक जांच स्थानीय पुलिस ने की थी और बाद में इसकी जांच विशेष जांच दल को सौंपी गई थी।

विशेष जांच दल ने इस मामले में एक नेपाली सूरज सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी सूरज की 18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाना के लॉकअप में हत्या कर दी गई। इस मामले को लेकर जमकर बबाल हुआ और लोग सड़कों पर उतर गए। प्रदर्शनकारियों ने कोटखाई थाने को आग के हवाले कर दिया था। प्रदेश हाईकोर्ट ने गुड़िया व सूरज हत्या मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए।

लेकिन मामले में नई दिशा देने वाला पहलू यह है कि सीबीआई ने एक आरोपित अनिल कुमार को अप्रैल 2018 में गिरफ्तार करके गुड़िया मामले को सुलझाने का दावा किया है। सीबीआई का कहना है कि अनिल कुमार ने ही रेप के पश्चात गुड़िया की बर्बरता से हत्या की थी। हालांकि पिछले दिनों चंडीगढ़ की एक अदालत में गुजरात के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने अपने बयान में एक से अधिक अपराधियों की संलिप्तता की बात कही। अदालत में अब मामले की आगामी सुनवाई तीन दिसंबर को होगी। गुड़िया के परिजन भी सीबीआई जांच पर सवा उठा चुके हैं।