‘हरियाणा को कृषि प्रधान राज्य के साथ-साथ बागवानी की दिशा में आगे बढ़ाना होगा’

ख़बरें अभी तक। चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण तथा बागवानी मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा दिया जाए और किसानों के उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग तथा ब्रांडिंग करके सीधे बाजार में बेचे जाएं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। कृषि एवं किसान कल्याण तथा बागवानी मंत्री ने बागवानी विभाग की बैठक ली। जिसमें विभाग द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यों की समीक्षा की और बागवानी मंत्री ने आगामी वर्षों की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण तथा बागवानी मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा दिया जाए और किसानों के उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग तथा ब्रांडिंग करके सीधे बाजार में बेचे जाएं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा को कृषि प्रधान राज्य के साथ-साथ बागवानी की दिशा में आगे बढ़ाना होगा और इसके लिए गांवों स्तर पर या कलस्टर तैयार करके ऐसे एफपीओ बनाए जाएं जो किसानों के उत्पादों को प्रोसेस कर उसकी पैकेजिंग और ब्रांडिंग करें।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के साथ लगता हुआ दिल्ली का बाजार बहुत बड़ा बाजार है, जिससे किसानों के उत्पाद बाजार भाव पर बिकेंगे तो किसानों की आमदनी अवश्य बढ़ेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां पर पानी की कमी है या रेतीली जमीन है, वहां पर उस मौसम के अनुसार उगने वाली कोई विशेष सब्जी या फलों या फूलों की खेती के बारे में रिसर्च की जाए। बैठक में बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सैनी ने बताया कि वर्ष 2014 में राज्य में बागवानी क्षेत्र 4.39 लाख हेक्टेयर था और वर्ष 2019 में 5.54 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है।

जिसमें से 5.26 लाख हेक्टेयर पूर्ण हो गया है, जो 7.98 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2030 तक बागवानी क्षेत्र को 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। लगभग 1700 गांवों में बागवानी का कार्य हो रहा है। बैठक में बताया गया कि बागवानी विभाग के अंतर्गत प्रदेशभर में 10 उत्कृष्टता केंद्र चलाए जा रहे हैं।

जिनमें मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना और सब्जियों व फलों की नई किस्में तैयार करना शामिल है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 6 स्थानों पर प्रशिक्षण संस्थान संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें विभिन्न कोर्स चलाए जा रहे हैं और इन  संस्थानों के माध्यम से किसानों को सब्जियों व फलों की नई किस्मों, बीजों, फसलों के रख-रखाव और नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही हैं।