दाईं बाजू न होते हुए भी निषाद कुमार ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

खबरें अभी तक। हौंसले बुलंद हो तो मंजिल पाना संभव है, यह कहना है 2019 में दुबई में हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स में ब्रॉन्ज मेडल विजेता खिलाड़ी निषाद का। भले ही निषाद की एक दाईं बाजू नहीं है बावजूद उन्होंने एक बाजू से खेलों में अपनी प्रतिभा दिखा अपने साथ साथ पंचकूला का नाम भी रोशन किया है।

मूल रूप से हिमाचल के ऊना के रहने वाले निषाद कुमार ने 2019 में दुबई में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जितने पर पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में पहुंचे। जहां उन्होंने सभी गेम्स के कोच के साथ बैठक की। बैठक में निषाद ने सभी कोच के साथ अपने अनुभव भी सांझा किये और कहा की इन्सान के हौंसले बुलंद होने चाहिए तभी वो अपनी मंजिल को पा सकता है। निषाद की एक हादसे के बाद दाईं बाजू नहीं रही ,बावजूद इसके भी उसने हिम्मत नहीं हारी।

निषाद मेडल जीतकर जब अपने कोच गुरूओं के पास आशीर्वाद लेने पहुंचा तो बैठक में बैठे कोच भी भावुक हो गए! और निषाद को बधाई देते हुए उसके बेहतर भविष्य की कामना भी की।

पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में कोच नसीम अहमद ओर कोच विक्रम चौधरी ने निषाद को मेडल जीतने पर  सम्मानित भी किया।इतना ही नहीं निषाद को वर्ल्ड लेवल गेम्स में पहुंचाने के लिए कोच नसीम अहमद ने एक शिक्षक का धर्म भी निभाया और निषाद से भविष्य में गेम्स में आगे बढ़ते हुए गोल्ड मैडल लाने की बात करते हुए उस पर भरोसा भी जताया