चंडीगढ़ में पानी की शुद्धता पर उठे सवाल, पानी की शुद्धता में चंडीगढ़ को मिला 8वां रैंक

ख़बरें अभी तक। स्मार्ट सिटी कहे जाने वाले चंडीगढ़ की पानी शुद्धता शिमला से भी कम पायदान पर है, जी हां हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो की रैंकिंग के अनुसार चंडीगढ़ के पानी की शुद्धता को 8वां रैंक मिला है। इस रैंकिंग ने चंडीगढ़ नगर निगम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हालांकि नगर निगम के मेयर राजेश कालिया के मुताबिक चंडीगढ़ के लोगों को स्वच्छ पानी देना नगर निगम की प्राथमिकता है। शहर में दूषित पानी जैसी कोई समस्या नहीं है फिर भी चीफ इंजीनियर को बुलाकर रिपोर्ट मांगी गई जिन इलाको से चंडीगढ़ के पानी का सैंपल लिया गया है वो ठीक किया जाये इसे चंडीगढ़ नगर निगम सकारत्मकता के साथ ले रहा है।

रैंकिंग के लिए सैंपल कहां से लिए गए, निगम को इसकी जानकारी तक नहीं है। निगम के मेयर का कहना है कि चंडीगढ़ से ही पंचकूला और चंडी मंदिर को पानी दिया जाता है। मेयर राजेश कालिया ने कहा कि इस सर्वे के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। साथ ही इसमें कौन से मानकों के आधार पर रैंकिंग तय की गई है, उसकी भी जानकारी नहीं है, लेकिन चंडीगढ़ का पानी इतना साफ है कि आरओ की भी आवश्यकता नहीं है।

रैंकिंग में चंडीगढ़ का पानी शिमला से भी खराब बताया गया है। शिमला को सातवीं रैंकिंग मिली है जबकि चंडीगढ़ आठवीं रैंकिंग पर है। वहीं देहरादून का पानी चंडीगढ़ से भी खराब बताया गया है। देहरादून को 18वीं रैंकिंग मिली है। आपको बता दे कि  विकिपीडिया पर भी देश में सबसे अच्छा पानी देने वाले शहरों की सूची में चंडीगढ़ नंबर एक पर है। ऐसे में रैंकिंग में कौन से मानक अपनाए गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है।

हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो ने शुद्ध पानी देने वाले शहरों की रैंकिंग जारी की गई है। जिसमें चंडीगढ़ को आठवां स्थान दिया गया है। रैंकिंग जारी होने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया है। निगम लगातार लोगों को शुद्ध पानी देने के लिए प्रयासरत है। हाल ही में अमृत योजना के तहत देश में चंडीगढ़ नंबर एक स्थान पर आया था।