क्या है Non-Performing Asset (NPA), सरल भाषा में जानिए पूरी जानकारी

ख़बरें अभी तक। आज की इस ख़बर में हम आपको बताएंगे कि NPA क्या होता, तो सबसे पहले आप यह जान लें कि NPA की फुल फॉर्म क्या होती है। NPA का फुल फॉर्म होता है– Non-Performing Asset, अब इसका मतलब ये हुआ कि ऐसा asset जो अब किसी काम का नहीं है और बैंक उस asset को वापस लेने में सक्षम नहीं है, उसे हम NPA कहते है।

सरल शब्दों में कहें तो जब बैंक किसी व्यक्ति को लोन देती है तो कभी-कभी ऐसा होता है कि लोन लेना वाला इंसान बैंक को regular payment नहीं कर पाता है। फिर बैंक उसे एक नोटिस भेजती है कि भाई तुम अपना देख लो, नहीं तो तुम्हारे खिलाफ लीगल एक्शन लिया जायेगा। फिर भी वह आदमी payment नहीं करता है या नहीं कर पाता है।

अब उसके खिलाफ बैंक ने क्या एक्शन लिया वो बैंक ही जाने…पर हम NPA की बात करने वाले हैं, इसलिए NPA की ही बात करेंगे। जब वह आदमी बैंक को पैसे/interest चुकाने में नाकामयाब हो जाता है तो बैंक उस लोन को Non-Performing Asset (NPA) (=Bad Loan) करार देती है।

लेकिन यहां पर आप सोच रहे होंगे की बैंक तो पैसा देता है लोन के रूप में तो asset कैसे हो गया तो आपको ये बता दें कि, लोग जो पैसा लोन के रूप में ब्याज पर बैंक से लेते है तो बैंकिंग term में उस पैसे को asset माना जाता है। और जब अकाउंट NPA होता है तो समझिये की उस पैसे का अपने इंडियन इकनोमिक में कोई भी योगदान नहीं रहता है।

अब आप खुद ही सोचिये कि जब आम आदमी 1 लाख या 5 लाख तक का interest नहीं चूका पता है तो बैंक वाले हद पार कर देते है लेकिन जो लोग करोड़ रुपया ले कर देश छोड़ कर भाग जाते है तो बैंक वाले गवर्नमेंट को नोटिस तब देते है जब वो भाग जाते है।