झज्जर: सबके आकर्षण का केन्द्र बना यह अनोखा मंदिर

ख़बरें अभी तक। झज्जर के बेरी शहर में लोगों को सर्वधर्म सम्भाव की सीख देने वाला अनोखा मंदिर लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। श्रीराम मंदिर गुरूदारा जहां श्रीराम दरबार के साथ गुरू ग्रन्थ साहिब का दरबार भी सजा रहता है। ये परम्परा पाकिस्तान के नवांकोट से शुरू हुई थी।

बंटवारे के बाद पाकिस्तान से बेरी आये लोगों ने यहां भी श्रीराम दरबार और गुरू ग्रन्थ साहिब का दरबार एक साथ बना दिया। यहां हिन्दु त्यौहार और परम्परायें और पूजा भी जोश और खुशी के साथ मनाई जाती है तो गुरू नानक जी का जन्मोत्सव भी धूमधाम के साथ मनाया गया।मंदिर के सेवकों का कहना है कि गुरू ग्रन्थ साहिब में 100 में से 75 बार गुरू नानक जी ने श्रीराम का जिक्र किया है और यही उनकी प्रेरणा बना ये मंदिर बनाने के लिये। बेरी की यूं तो विश्वस्तरीय पहचान मां भीमेश्वरी देवी के चलते होती है। लेकिन हिन्दु और सिख धर्म के धार्मिक प्रतिष्ठान एक ही जगह और एक ही भाव से मिलने की ये निशानी भी बेरी को कुछ खास बना देती है।यहां के लोग दीपावली भी खुशी से मनाते हैं तो गुरूनानक देव का जन्मोत्सव में भी सब मिलकर शरीक होते हैं। गुरू ग्रन्थ साहिब की वाणी का पाठ भी मिलकर लोग श्रवण करते हैं। गुरूदारे की तरह मंदिर में भी मिलकर सेवा की जाती है। श्रीराम मंदिर गुरूदारा में श्रीराम दरबार के साथ राधा कृष्ण और मां दुर्गा की प्रतिमांए भी स्थापित की गई है।सभी धर्मो की सीख भी यही है कि कोई छोटा या बड़ा नहीं होता, कोई अमीर या गरीब नहीं है। उस प्रभु की नजर में सब एक समान है। अच्छे कर्मो का फल अच्छा और बुरे कर्मो का फल बुरा होता है। सदकर्म, समान भाव और प्रेम की सीख देते हैं सभी धर्म और उसी प्ररेणा पर चल रहा है झज्जर का छोटा सा शहर बेरी जिसे धर्मनगरी भी कहते हैं।