काशीपुर के इस कॉलेज में योग की शिक्षा देने के लिए नहीं है अध्यापक

ख़बरें अभी तक। काशीपुर: जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, जिसका नतीजा है कि हर व्यक्ति योग से जुड़े उसके लिए उनके द्वारा योग दिवस की भी स्थापना की गई है। लेकिन योग की शिक्षा लेने के लिए छात्रों को भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। नतीजा यह है कि कॉलेज में योग की शिक्षा देने के लिए अध्यापक ही नहीं है।

देश में यूं तो अनेकों दिवस पहले से ही मनाए जाते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किया गया है। जिसका लक्ष्य यह है कि देश का हर व्यक्ति योग करके अपने रोगों को दूर कर सके। जिसके लिए देश के प्रधानमंत्री लगातार प्रयासरत हैं तो वहीं बाबा रामदेव भी लोगों को योग के गुर सिखा कर उनकी बीमारियों को दूर करने का काम कर रहे हैं।

लेकिन अगर बात की जाए योग शिक्षा के तो कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को योग की शिक्षा देने वाले अध्यापक ही नहीं है। मामला काशीपुर के राधे हरी महाविद्यालय का है। जहां योग विभाग की स्थापना की गई है। जिसमें करीब 90 छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को उज्जवल करने के लिए दूर-दूर से शिक्षा लेने कॉलेज में आते हैं। लेकिन छात्रों को पूर्ण शिक्षा देने के लिए कॉलेज में अध्यापक ही नहीं है। आलम यह है कि छात्र छात्राएं कॉलेज में आकर अपना समय खराब करने के अलावा कुछ भी नहीं कर पा रही हैं।

यही नहीं योग विभाग के एचओडी भी छात्र-छात्राओं की समस्याओं की और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसका नतीजा है कि छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में जाता दिखाई दे रहा है। जिसको लेकर कॉलेज के छात्र छात्राओं ने योग विभाग के सामने प्रदर्शन कर अध्यापकों को उपलब्ध कराने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर योग विभाग की लाइब्रेरी को खुले हुए कई साल हो गए हैं। जहां कमरे में बंद किताबें अपने आप ही रद्दी में तब्दील होती जा रही है लेकिन छात्रों को देने के लिए वहां कोई भी मौजूद नहीं है।

छात्र छात्राओं का कहना है कि दिसंबर माह में उनकी परीक्षाएं हैं, लेकिन उन्हें सिलेबस की भी जानकारी नहीं है। डिग्री कॉलेज के योग विभाग की छात्र-छात्राएं जब अपनी समस्याओं को लेकर कॉलेज के प्रधानाचार्य चंद्र राम के पास गए तो प्रधानाचार्य भी छात्र छात्राओं की समस्याओं को सुनते ही अचंभित हो गए। जिसके बाद प्रधानाचार्य ने छात्र छात्राओं को 1 सप्ताह के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है।