देश का पहला गरीबी मुक्त प्रदेश बनेगा हिमाचल, बीपीएल परिवारों को दिए जाएंगे स्वरोजगार के अवसर

ख़बरें अभी तक: हिमाचल प्रदेश देश का पहला गरीबी मुक्त राज्य बनने जा रहा है। सरकार ने इसके लिए गरीबी रेखा से नीचे चल रहे लोगों को स्वरोजगार देने की योजना बना ली है। प्रदेश में 3 लाख के आसपास बीपीएल परिवार है जिन्हें बीपीएल मुक्त करने के लिए सरकार सहायता देगी। यह बात शिमला प्रेस क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम मीट दा प्रैस में प्रदेश के ग्रामीण विकास पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कही। पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि 2000 करोड़ का बजट पंचायती राज के पास आता है। 60 फ़ीसदी से ज्यादा धन पर्यावरण पर खर्च हो रहा है। मनरेगा के तहत भी काम हो रहा है। मौजूदा वर्ष में 560 करोड़ मनरेगा के माध्यम से खर्च किया गया है।

2018-19 में 849 करोड़ खर्च किया गया है। रेन हार्वेस्टिंग के लिए 700 के करीब टैंक बनवाए गए हैं। 122 खेल के मैदान और 73 मोक्षधाम प्रदेश में बनाए गए हैं जिनपर 10 लाख तक खर्च किया जा रहा है। नए आंगनवाड़ी भवन भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 14वें वित्त आयोग में ग्रामीण विकास के अलावा रोजगार भी दिया जाएगा। एक बार जो बीपीएल में चला गया वह हमेशा बीपीएल में नही हो सकता। 95 हज़ार परिवारों का सर्वे किया है। जिनमें 5 हज़ार बीपीएल है। उनको रोजगार से जोड़ना मुख्य मकसद है। जिनके पास जमीन है उनको नि:शुल्क बगीचा या अन्य फसल लगा कर देगी। जिनके पास जमीन को कमी है उनके लिए भेड़ बकरियां उपलब्ध करवाएंगे।

इसके अलावा गरीब लोगों की आय बढ़ाने के लिए  स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। मिशन अंत्योदय के तहत प्रदेश को गरीबी से मुक्त किया जाएगा। पहले साल एक लाख परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। उसके बाद अन्य गरीब परिवारों को रोजगार से जोड़ने की कोशिश की जाएगी। ताकि प्रदेश को गरीबी मुक्त किया जा सके। किसानों को अच्छी नस्ल की गाय व भैंस उपलब्ध करवाएंगे। ठंडे पानी की मछली को बढ़ावा देकर मछली पालन को मनरेगा के साथ जोड़ेंने का कार्य भी हो रहा है।